आजमगढ़। स्वाधीनता संग्राम स्मृति केन्द्र के तत्वावधान में राहुल नगर मड़या स्थित पं. अमरनाथ तिवारी के आवास पर स्वाधीनता संग्राम सेनानी स्व. रामविलास पाण्डेय की पुण्यतिथि सोमवार को देर शाम पं. अमरनाथ तिवारी की अध्यक्षता में मनायी गयी। इस मौके पर स्मृति गोष्ठी का भी आयोजन हुआ जिसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के द्वितीय चरण 1920 से 1947 के मध्य आजमगढ़ में स्व. रामविलास पाण्डेय की भुमिका उनके जीवन वृत्त तथा उनके कृतित्व पर विस्तार से चर्चा की गयी। रविन्द्र नाथ तिवारी ने कहा कि स्व. रामविलास पाण्डेय स्वाधीनता संग्राम के अप्रतिम योद्धा थे और आजादी के बाद 1962 में दो वर्ष के लिए विधान परिषद सदस्य चुने गये। 1969 से 74 तक उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री के रूप में प्रदेश की जनता की सेवा की। वे मंत्री रहते हुए कभी अंग रक्षक नहीं लिए। शशि प्रकाश राय ने आन्दोलन के दौरान स्व. पाण्डेय की बिलारियगंज एवं तरवाँ में भूमिका का उल्लेख किया। विजयधारी पाण्डेय ने उनकी आत्मकथा कहाँ गये वे लोग की चर्चा करते हुए उनकी गरीबी व संघर्षो पर प्रकाश डाला। बृजेश नन्दन पाण्डेय ने उन्हें कांग्रेस पार्टी का सच्चा सिपाही बताते हुए कहा कि कम्युनिस्ट प्रभावित क्षेत्र घोसी में राजनीति करते हुए उन्होंने कभी दलबदल नहीं किया। भारत रक्षा दल के प्रदेश उपाध्यक्ष हरिकेश विक्रम श्रीवास्तव ने कहा कि अब कोई स्व. पाण्डेय नहीं बन सकता परन्तु प्रेरणा लेकर लोक तंत्र की रक्षा की जा सकती है। स्व. पाण्डेय निष्ठा एवं कर्तव्य परायणता के प्रतीक थे। अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में पं. अमरनाथ तिवारी ने बताया कि वे संघर्ष के दौरान सन् 1940 में 6 माह के जेल व 50 रुपये जुर्माने के कारण अंग्रेजी जेल गये। गोष्ठी का संचालन जन्मेजय पाठक ने किया। इस मौके पर डॉ. अखिलेश चन्द्र डॉ. श्रीनाथ सहाय राजेन्द्र पाठक, तारकेश्वर मिश्रा, कमलापति त्रिपाठी, राकेश तिवारी, मो. अफजल, निशीथ रंजन तिवारी, शिशिर तिवारी, दुर्गेश श्रीवास्तव , प्रेम प्रकाश तिवारी आदि ने हिस्सा लेकर स्व. रामविलास पाण्डेय के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए श्रद्वासुमन अर्पित किया।
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