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या हुसैन की सदाओं से गूंजा आजमगढ़ शहर



आजमगढ़ : नगर के दलालघाट मुहल्ले से आज हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मातमी जुलूस निकला गया। जिसमें हजारों की संख्या में उमड़े श्रद्धालुओं ने हजरत इमाम हुसैन व उनके परिजनों को नजराना ए  अकीदत पेश किया। वही इस ऐतिहासिक जुलूस में शामिल लोगों ने मजलिस को सम्बोधित कर पूरा वातावरण गमगीन कर दिया।
कर्बला में हजरत इमाम हुसैन व उनके साथियों की शहादत के बाद उनके परिवार वालों पर ढ़ाये गये जुल्मों सितम  की कहानी  बया करते हुये लोगों ने बताया कि किस तरह इमाम हुसैन की शहादत के बाद यजीदी हुकूमत ने उनके परिवार वालों को कैदी बनाकर कूफा, शाम व मक्का मदीना की गलियों  में उन्हें  ऊटों पर बैठा कर घुमाया। इस दर्दनाक मंजर को सुनकर हजारों आँखों से आंसू छलक उठे।
पहली मजलिस मौलाना सैयद एहतेशाम हुसैन ने पढ़ी। इस दौरान 'या हुसैन',  'या अब्बास 'की सदाओं से शहर गूंज उठा।
अंजुमन अलमदारे हुसैनी मुबारकपुर व अंजुमन अब्बासिया नेवादा ने मातम कर कर्बला वालों को पुर्सा दिया। जुलूस अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ चौक पहुंचा जहां मौलाना सैयद सुलतान हुसैन ने तकरीर को खिताब किया। जुलूस पुरानी सब्जी मण्डी, कटरा, अजाखानरा अबूतालिब, कर्बला, तकिया, कोट, दलालघाट होते हुए इमामबाड़ा मिर्जा मुगल बेग पर समाप्त हुआ। जिला शिया कमेटी चेयरमैन सैयद अजादार हुसैन ने सभी जायरीनों व पुलिस प्रशासन तथा नगर वासियों का आभार प्रकट किया। जुलूस की निजामत व संचालन रेहान आजमी ने किया। इस अवसर पर मिर्जा सफर अली, फकर अली आदि उपस्थित रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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