.

इन्सेफेलाइटिस के प्रभावी नियंत्रण हेतु जन जागरूकता पैदा करने के लिए कार्यशाला आयोजित

आज़मगढ़ 23 सितम्बर 2016-- जिलाधिकारी सुहास एलवाई द्वारा विकास भवन के सभाकक्ष में आयोजित राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल आपूर्ति कार्यक्रम के अन्तर्गत जे0ई0/ए0ई0एस0 के प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु जन जागरूकता पैदा करने के लिए कार्यशाला का द्वीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर उन्होने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि जैपनीज इन्सेफेलाइटिस (जे0ई0)/एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिन्ड्रोम (ए0ई0एस0) नामक बीमारी मच्छरों के काटने से एवं संक्रमित पेयजल के कारण से होती है। उन्होने कहा कि इन्डिया मार्का-2 हैण्ड पम्प के पानी का प्रयोग पीने के लिए  करे। छोटे हैण्ड पम्प के पानी का प्रयोग पीने के लिए न करें क्योकि छोटे हैण्ड पम्प का पानी दूषित होता है। उन्होने कहा कि संक्रमित मच्छर के काटने से स्वस्थ बच्चे के शरीर में दिमागी बुखार का वापस पहुँच जाता है और बच्चे में बीमारी में लक्षण जैसे सिर दर्द के साथ तेज बुखार,उल्टी, जी मिचलना, शरीर में पानी की कमी आदि इस बीमारी के लक्षण है। उन्होने कहा कि जनपद गोरखपुर के तरफ इस बीमारी का प्रकोप ज्यादा  है। लेकिन जनपद आजमगढ़ में इस बीमारी के अभी तक एक भी केस नही पाये गये है। उन्होने कहा कि गांव की आशा, आगनबाड़ी कार्यकर्Ÿाा, ए0एन0एम0, प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र, जिलाचिकित्सालय जूनियर इन्जीनियर उ0प्र0 जल निगम अथवा पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के तकनीकी सलाहकार से इस बीमारी के लक्षण दिखाई पड़े तो तत्काल सम्पर्क करें। इस बीमारी के लक्षण जब बच्चों में दिखाई पड़े तो लापरवाही न करते हुए अभिभावक तत्काल उक्त सम्बन्धित से सम्पर्क कर ईलाज कराना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि इस बीमारी से बचने के लिए बच्चों का टीकाकरण ही एक मात्र सुरक्षा का उपाय है। उन्होने कहा कि आशा, ए0एन0एम0, आगनबाड़ी के माध्यम से बच्चो का टीकाकरण करायें। उन्होने इस बीमारी से बचने के लिए बताया कि प्रातः एवं सायंकाल जब मच्छर अधिक सक्रिय होते है तो उस समय शरीर को पूरा कपडे़ से ढ़क कर रखें। सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग, घर के खिड़की, दरवाजे को जाली से बन्द रखें, अपने घरो के आस-पास पानी न इकट्ठा होने दें तथा नालियों की सफाई, तालाबों, कुओं में मच्छर के लार्वो को खाने हेतु कई तरह की मछलियों का उपयोग करके मच्छरो की संख्या को कम किया जा सकता है। उन्होने कहा कि तालाब, पोखरे, कुएं तथा कम गहरे हैण्ड पम्प के पानी का उपयोग पीने एवं खाना बनाने में न करें। केवल गहरे हैण्ड पम्प (इन्डिया मार्का-टू) के पेयजल का उपयोग पीने के लिए और खाना बनाने के लिए करें। कार्यशाला को मुख्य विकास अधिकारी महेन्द्र वर्मा ,मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 एस0 के तिवारी, राजकीय पालीटेक्निक कालेज के कुलभूषण द्वारा अपने-2 विचारों से सम्बोधित किया। इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी विजय कुमार, अधि0अभि0 जल निगम एस.के. सिंह यादव, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 परवेज अहमद, डा0 नीरज शर्मा, खण्ड विकास अधिकारी डा0 अरूण कुमार यादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी एजाज अहमद, सहित अन्य सम्बन्धित विभागो के अधिकारी उपस्थित थे। 


Share on Google Plus

रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

आजमगढ़ लाइव-जीवंत खबरों का आइना ... आजमगढ़ , मऊ , बलिया की ताज़ा ख़बरें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment