आजमगढ़: जनपद में कानून व्यवस्था को प्रशासन के लोग सब कुछ ठीक कहते है लेकिन यहा नजारा कुछ और ही है। जेल में निरूद्ध अपराधी खुलेआम जन प्रतिनिधियों को जेल से फोन करके धमकी दे रहे हैं। गौरतलब है कि ताज़ा मामले में उक्त अपराधी द्वारा गाजीपुर निवासी एमएलसी विशाल सिंह चंचल को धमकी देने तथा पूरे मामले का आईजी जोन तक पहुंचने से एक बार फिर जेल से चलने वाली जरायम की दुनियां में चर्चा में है। आयेदिन जिला जेल में प्रशासनिक अधिकारियों के छापे में मोबाइल, सिमकार्ड्स तथा अन्य आपत्तिजनक वस्तुओं का मिलना तो बदं हो गया था । पर लगता है की यह पर्याप्त नहीं है और आजमगढ़ की जेल अपराधियों के लिए एक महफूज शरणगाह बन गयी है। जेल में उन्हें वह सारी सुविधाएं मिल जाती हैं जो उन्हें बाहर रहकर नहीं मिल पाती। बन्दी निरीक्षकों की मिली भगत , जेल अधीक्षक के ढीलेढाले रवैये, चढ़ावे की धूम ऐसी मची है कि निरूद्ध बंदियों की जेल में तूती बोलती है। जनपद के एक ब्लाक प्रमुख अभियुक्त जेल में बंद है। उसके द्वारा एमएलसी विशाल सिंह चंचल को टेंडर फार्म खरीदने पर धमकी देना यह साबित करता है कि जेल से अपराध का खेल आसानी से खेला जा रहा है। विशाल सिंह चंचल ने आईजी जोन वाराणसी एसके भगत से मिलकर धमकी की टेप काल जो वाट्सऐप पर वायरल हो रही है, सुनायी तथा अपने लिए सुरक्षा की गुहार लगायी। बताया जाता है कि अभियुक्त की अच्छी खासी रसूख है । उसने अपनी दबंगई के दम पर ब्लाक प्रमुख का पद हथिया लिया। सवाल यह उठता है कि जेल में बन्द होने के बावजूद अगर अपराधी इसी तरह से धमकी देते रहे तो सरकार के कानून व्यवस्था में सुधार की पोल खुलनी तय है। इस सबंध में डीआईजी जेल गोरखपुर यादवेन्द्र शुक्ला ने बताया कि मै खुद शासन से व आइजी से मांग करूंगा कि आजमगढ जेल में जैमर लगाया जाय। रही बात अंदर मोबाईल कैसे गई इसकी जांच की जायेगी जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किया जायेगा। इस सबंध में जेल अधीक्षक ने कहा कि मामाले की जांच की जा रही है।
Blogger Comment
Facebook Comment