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मेंहनगर: प्राथमिक विद्यालय में बंटी कीड़े की दवा से 35 बच्चे बीमार, मचा हड़कम्प


मेंहनगर :आजमगढ़ : प्रदेश में मनाये जा रहे कृमि दिवस पर शिक्षा विभाग द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के बीच पेट के कीड़ो की दवा खिलाने के लिए चलाए जा रहे अभियान के दौरान शनिवार को हड़कम्प मच गया । मेंहनगर शिक्षा खंड क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय विजईपुर में शनिवार की सुबह बच्चों के बीच वितरित की गई दवा को खाने के बाद लगभग 35 बच्चे उल्टी व पेट दर्द की शिकायत कर बेहाल होने लगे । इसकी जानकारी होते ही क्षेत्र में हड़कंप मच गया। लोगों ने आनन-फानन बीमार बच्चों को स्थानीय सीएचसी पर भर्ती कराया । गनीमत थी की इलाज के दौरान बच्चों को स्वास्थ्य लाभ होने पर अभिभावकों व शिक्षकों ने राहत की सांस ली।
वैसे शुरूआती पड़ताल में इस घटना में लापरवाही ही वजह मानी जा रही है। प्राथमिक विद्यालय विजईपुर में शनिवार की सुबह बच्चों को भोजन से पूर्व कीड़े की दवा अलबेंडाजोल 400 एमजी का सेवन कराया गया। जबकि यह दवा बच्चों को भोजन के बाद दी जानी थी, जो अज्ञानता के चलते शिक्षकों ने भोजन से पूर्व बच्चों के बीच वितरित कर दिया। भोजनावकाश के दौरान बच्चों ने भोजन ग्रहण किया और इसके बाद उन्हें पेट में मरोड़ व उल्टी की शिकायत शुरू हो गई। देखते ही देखते बच्चे बेहोश होने की हालात में आ गए और विद्यालय में अफरा-तफरी मच गई। सूचना पाकर बच्चों के अभिभावक भी मौके पर पहुंच गए और वहां मौजूद प्रधानाध्यापक सहित आधा दर्जन शिक्षकों को बंधक बना लिया गया। घटना की जानकारी मुकामी थाना और एंबुलेंस सेवा 108 को दी गई। एंबुलेंस के मौके पर पहुंचते ही अभिभावकों में बच्चों को अस्पताल पहुंचाने के लिए होड़ मच गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे एसओ मेंहनगर मिथिलेश मिश्र ने बीमार बच्चों को वाहन की व्यवस्था कर स्थानीय सीएचसी पहुंचाया। एक साथ अस्पताल पहुचे दर्जनों बीमार बच्चों को देख स्वास्थ्य महकमे के भी हाथ-पांव फूलने लगे। तत्काल अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डा. अशोक कुमार की देखरेख में बच्चों का उपचार शुरू हुआ। उपचाराधीन बच्चों में उजाला, राजनंदिनी, दिव्या, गोलू, सचिन, पूजा, विकास, खुशी, संजना, अनुष्का, कृष्णा, गुड़िया, पूनम, रामप्रकाश, आशीष, मनीष, ¨प्रस, अनामिका, लक्ष्मी, रीमा, खुशबू, ¨रपू, चुनमुन, श्वेता, नेहा, सोनम आदि सभी विजईपुर गांव के निवासी बताए गए हैं। उपचार के दौरान स्वास्थ्य लाभ शुरू होने पर परिजनों ने राहत की सांस ली। इस मामले में छोटी से लापरवाही से तीन दर्जन बच्चों का जीवन खतरे में पद गया था अब प्रशासन का दायित्व बनता है की लापरवाही की जांच कर कार्यवाही करे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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