आजमगढ़: लंबे इंतजार के बाद राज्यसभा में पास हुए जीएसटी विधेयक के करीब चालीस प्राविधानों के खिलाफ व्यापारी लामबंद होते दिख रहे है। व्यापारी इस विधेयक को व्यापारियों के लिए अव्यवहारिक एवं भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला बता रहे है। उक्त प्राविधानों को हटाने के लिए व्यापारी 6 सितम्बर को राजभवन का घेराव कर विरोध प्रर्दशन करेंगे। शनिवार को व्यापारियों के साथ बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष बनवारी लाल कंछल ने कहा कि जो जीएसटी विधेयक पास किया गया है वह भ्रष्टाचार एवं व्यापारियों के शोषण को बढ़ावा देने वाला है। उक्त विधेयक कारपोरेट घरानों को बढ़ावा देने वाला एवं छोटे व मध्यम दर्जे के व्यापारियों के शोषण को बढ़ावा देने वाला है। उन्होंने कहा कि वित मंत्री को चाहिए कि वे व्यापार मण्डल के प्रतिनिधियों संग बैठक कर खामियों को दूर करने के उपरांत ही लागू करें। यदि केंद्र सरकार ने व्यापारियों पर जबरन जीएसटी थोपने का कार्य किया तो इसका डटकर विरोध किया जायेगा। कंछल ने कहा कि एक पंजीकरण, एक रिटर्न और एक कर निर्धारण का विधान बने। 25 लाख वार्षिक टर्नओवर वाले व्यापारी जीएसटी मुक्त रखे जाएँ । पंजीयन आनलाइन और मैनुअल दोनों हो। रिवाइज्ड रिटर्न देने की व्यवस्था हो। मासिक एवं त्रैमासिक एक रिटर्न भरने का कानून बनाया जाय। आन लाइन पेमेंट एवं मैनुअल पेमेंट दोनों व्यवस्थाएं रखी जायं। व्याज की दरें बैंक की ब्याज दरों के बराबर रखी जाय। 500 रूपये से कम का भी रिफण्ड व्यापारी को दिया जाय। अधिकारियों द्वारा सर्च और सीजर के अधिकारों को सीमित किया जाय। अधिकारियों द्वारा व्यापारियों को गिरफ्तार करने की व्यवस्था समाप्त की जाय। व्यापारियों को जेल भेजने के सभी नियम समाप्त किये जायं। दैनिक जुर्माने की व्यवस्था समाप्त की जाय। रिटर्न विलम्ब शुल्क समाप्त किया जाय। पूरे देश में एक रेट एक कानून हो। छोटे व्यापारियों के लिए समाधान योजना भी लागू हो। केंद्र और प्रदेश सरकारों के सभी कर समाप्त किये जायं। प्रदेश सरकारों के मण्डी शुल्क को भी जीएसटी में समाहित किया जाय। स्थानीय ट्रांसपोर्टर्स को जीएसटी से मुक्त किया जाय। ट्रेड समाधान योजनाएं भी लायी जायं। आईजीएसटी की व्यवस्था समाप्त करें। जीएसटी की दरें 15 प्रतिशत अधिकतम हो। सभी प्रकार के रोड परमिट एवं फार्म समाप्त किये जायं। स्पेशल औद्योगिक टैक्स छूट बनी रे। वर्तमान स्टाक जीएसटी से मुक्त रखा जाय। रिफण्ड की व्यवस्था की जाय। बनवारी लाल कंछल ने कहा कि स्टाक रजिस्टर की बाध्यता समाप्त की जाय। माल वापसी की दशा में एडजस्टमेंट की व्यवस्था बनायी जाय। एक पक्षीय कर निर्धारण आदेशों को पुनः खोलने की व्यवस्था की जाय। कर निर्धारण आदेशों के रिमाण्ड की व्यवस्था पुनः बहाल की जाय। कर में छूट देने का अधिकार प्रशासनिक के बजाय न्यायिक अधिकारियों को दिया जाय। जीएसटी में अपील करने हेतु स्वीकृत कर जमा करने का ही प्रावधान किया जाय। जीएसटी व्यापारी परिषद का गठन किया जाय। प्रत्येक जीएसटी दाता व्यापारी का दस लाख रूपये का दुर्घटना बीमा कराया जाय। उन्होंने कहा कि जीएसटी दाता व्यापारियों के लिए मुफ्त पढ़ाई, दवाई की व्यवस्था की जाय। जीएसटी दाता व्यापारियों को पेंशन देने का नियम बनाया जाय। प्रतिवर्ष प्रत्येक जनपद में जीएसटी दाता उद्यमियों, व्यापारियों को सम्मानित किया जाय। जीएसटी दाताओं को कनाडा, आस्ट्रेलिया एवं विभन्न देशों की भांति निःशुल्क चिकित्सा एवं शिक्षा देने का नियम बनाया जाय। जीएसटी के सफल संचालन के लिए व्यापारियों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाय। इस अवसर पर व्यापारी नेता मनोज बरनवाल, विनोद अग्रवाल समेत समेत कई
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