आजमगढ़: जनपद के दो मेधावियों ने मेडिकल की प्रवेश परीक्षा पास कर परिवार के साथ ही जिले नाम को भी रोशन किया। इन दोनों परिवारों में ख़ुशी का माहौल है और लोग एक दूसरे को मिठाईयां खिलाकर अपनी ख़ुशी का इजहार कर रहे है।
बता दे कि बिलरियागंज क्षेत्र के विजयापार गांव निवासी सुमीत सिंह ने अपने पहले ही प्रयास में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में आल इण्डिया रैंक (एआईआर) जनरल 645 और ओबीसी रैंक 122 लाकर जिले और परिवार के नाम को रोशन किया।
सुमीत के पिता नागेन्द्र सिंह शहर के कुन्दीगढ़ मुहल्ले में मकान बनाकर रहते है। सुमीत ने 12वीं तक की पढ़ाई ज्योति निकेतन स्कूल में किया और वहां वर्ष 2015 में साइंस, बायोलाजी ग्रुप में प्रथम स्थान पाने के बाद वह कोटा की एलन में एक साल तैयारी किया और राष्ट्रिय मेडिकल परीक्षा में सफलता पा कर उसने अपने जिले के साथ ही परिवार का भी नाम रोशन किया। जिससे उसके परिवार, गांव और मुहल्ले में लोग काफी खुश है। सुमित का कहना है कि उसकी इस बड़ी सफलता के पीछे बड़े पापा राजन्द्र सिंह, चाचा शैलेश सिंह तथा इंजीनियर दो बड़े भाई ई0 निशान्त सिंह व ई0 शान्तनू सिंह का मार्ग दर्शन और आशीर्वाद रहा।
वही सठियांव ब्लाक में देवरिया खालसा गाँव निवासी अविनाश यादव ने सी पी एम टी परीक्षा पास कर डाक्टर बनने का सपना साकार किया हैं। मंगलवार की देर शाम जैसे ही परिणाम आया गाँव के अंदर मिठाइयां बटने लगीं। बता दे कि देवरिया खालसा गाँव निवासी विन्ध्याचल यादव का पुत्र अविनाश बचपन से पढ़ने में अव्वल रहा। प्राथमिक शिक्षा गाँव में पास किया। वर्ष 2007 में हाई स्कूल और इंटर 2009 में चिल्ड्रेन कालेज आजमगढ़ से करने के बाद माता पिता ने अविनाश की रूची को देखते हुए लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कोटा राजस्थान भेज दिया। जहाँ 600 के निर्धारित अंकों में से 522 नंबर पाकर आल इंडिया की ओ वी सी श्रेणी में 1300 वां रैंक हासिल कर डाक्टर बनने का सपना पूरा कर लिया। अविनाश के पिता किसान है और खेती करते हैं। माँ ज्ञानमती देवी प्राथमिक विद्यालय पुसड़ा आयमा में अध्यापिका हैं । अविनाश की सफलता से क्षेत्र में खुशी की लहर व्याप्त हैं ।
सुमीत के पिता नागेन्द्र सिंह शहर के कुन्दीगढ़ मुहल्ले में मकान बनाकर रहते है। सुमीत ने 12वीं तक की पढ़ाई ज्योति निकेतन स्कूल में किया और वहां वर्ष 2015 में साइंस, बायोलाजी ग्रुप में प्रथम स्थान पाने के बाद वह कोटा की एलन में एक साल तैयारी किया और राष्ट्रिय मेडिकल परीक्षा में सफलता पा कर उसने अपने जिले के साथ ही परिवार का भी नाम रोशन किया। जिससे उसके परिवार, गांव और मुहल्ले में लोग काफी खुश है। सुमित का कहना है कि उसकी इस बड़ी सफलता के पीछे बड़े पापा राजन्द्र सिंह, चाचा शैलेश सिंह तथा इंजीनियर दो बड़े भाई ई0 निशान्त सिंह व ई0 शान्तनू सिंह का मार्ग दर्शन और आशीर्वाद रहा।

Blogger Comment
Facebook Comment