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नाग पंचमी : नाग देवता की पूजा के साथ ही गुलजार हुए अखाड़े



आजमगढ़ : सावन माह भगवान शिव को काफी प्रिय है। शिव कृपा प्राप्त करने के लिए इससे बेहतर कोई समय नहीं है। इसी पवित्र महीने में नाग पंचमी का पर्व रविवार को जिले में धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने भगवान शिव साथ ही नाग देवता की पूजा कर सुख समुद्धि की कामना की। इस दौरान मंदिरों में श्रद्धालुओं का सैलाब सा उमड़ता दिखा। जगह जगह अखाड़े गुलजार हुए और कबड्डी जैसे विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया तो बच्चों ने झूले का आनंद उठाया। सपेरों ने भी घूम घूम लोगों को नाग देवता का दर्शन कराया हालाँकि इस बार उनकी संख्या काम ही दिखी। वहीँ नाग पंचमी के अवसर पर रानी के सराय कस्बा स्थित रानी का पोखर हनुमान गढ़ी में दंगल प्रतियोंगिता का आयोजन किया गया। जिसमें पुरूष पहलवानों के साथ ही महिलाओं ने भी अपने हुनर का प्रदर्शन किया। महिला पहलवानों के कुश्ती दाव देख लोग ढंग रह गये।कुश्ती प्रतियोगिता में पूर्वाचंल के कई नामी गिरामी पहलवानों ने भाग लिया। शुभारम्भ वन मत्री दुर्गा यादव ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर किया। उन्होंने कहा कि कुश्ती हमारा प्राचीन खेल है। इसे जीवंत रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। कुश्ती से केवल शरीर बलिष्ठ नहीं होता बल्कि कार्यक्षमता भी बढ़ती है।
सावन माह में सच्चे मन से शिव की पूजा करने मात्र से समस्त देवताओं की पूजा का फल प्राप्त होता है। शिव चालीसा व महामृत्युंजय मंत्र का जाप इन दिनों विशेष महत्व रखता है तथा फलदायक होता है। पुराणों के अनुसार सावन मास में शिव लिंग पर प्रतिदिन एक बेलपत्र अर्पित कर पूरे विधि विधान से शिव लिंग पर गंगाजल, दूध, शहद, घी, पंचामृत, मचमेवा, चंदन, मांग, धतूरा, तुलसी व रुद्राक्ष आदि सामग्री अर्पित करने मात्र से इंसान के तीन जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। सोमवार को शिव साधना करने मात्र से धन धान्य संतान और शांति की प्राप्ति होती है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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