लाटघाट/आजमगढ़ : जिले के उत्तरी छोर मे बहने वाली घाघरा नदी शुक्रवार की शाम को डिघिया गेज पर 70. 85 मीटर पर रही, तो शनिवार की शाम को डिघिया गेज पर 70.87 मीटर पर है। शनिवार की शाम को बदरहुआ गेज पर 71.82 मीटर पर है, डिघिया का खतरा बिंदु 70.40 मीटर है। डिघिया गेज पर नदी खतरा बिंदु से 47 सेमी उपर बह रही है तो बदरहूआ गेज पर नदी खतरा बिंदु से 14 सेमी उपर बह रही है। इन सब के बावजूद बाढ़ खण्ड मौन साधे हुए है। देवारावासियो का कहना है नदी खतरा बिंदु के उपर बहने से कभी भी बन्धे या रेगुलेटर से रिसाव हो सकता है। क्योंकि नदी कही कही बंधे पर दबाव बना रही है। बाढ़ खण्ड का कोई जिम्मेदार अधिकारी बंधे का जायजा नही ले रहा है। बाढ़ खण्ड के अधिशासी अभियंता अजीत कुमार यादव का कहना है कि घाघरा धीरे-धीरे घट बढ़ रही है। खतरे की कोई बात नही है। घाघरा के घटने बढ़ने से देवारावासी भयभीत है। हरे चारे मे पानी भर जाने से पशुपालको के सामने चारे की समस्या उत्पन हो गयी है। बाढ़ के पानी से लकड़ी गिली हो जाने से भोजन पकाने के लिए इधन की समस्या है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगो को बाढ़ के लिए अलग से किरोसिन तेल अभी तक नही बंटा है। आवागमन के नाम पर सिर्फ 6 सरकारी नाव ही अब तक लगाया गया है। स्कूली बच्चों को स्कूल जाने की समस्या है। ज्वार, बाजरा, धान, मक्का की फसले बाढ़ के पानी मे डूबकर बर्बाद हो रही है। पशु भी सड़ा गला चारा खाने को मजबूर है। मुराली के पुरा, अचल नगर, बहवा, देवारा गरीब दुबे , सहबदिया, महुला, छितौनी में कटान जारी है। बाढ़ का पानी ज्यादा दिनों से जमा होने से लोगों में संक्रामक बीमारियां हो रही है। स्वास्थ विभाग मौन साधे हुए है। लोग प्राइवेट डॉक्टरों को ज्यादा पैसा देकर इलाज कराने के लिए लोग मजबूर है।
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