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फैज़ाबाद में सड़क दुर्घटना में जनपद के 08 लोगों की एक साथ मौत से सहमा जनपद


आजमगढ़ : फैजाबाद जिले के रौनाही थाना के सामने हाइवे पर शनिवार-आधी रात के बाद हुए खौफनाक सड़क हादसे में आठ लोगों की मौत हो जाने से कप्तानगंज और कंधरापुर थाना क्षेत्र के चार गांव में कोहराम मच गया। इनकी मौत से जहां दो घरों के  चिराग बुझ गए , लगभग एक दर्जन बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। मातम का आलम यह था कि पीडि़त परिवार को सांत्वना देने आए रिश्तेदारों सहित गांव के लोगों के भी आंसू नहीं थम  रहे थे.  हर तरफ महिलाओं की चीखपुकार ही सुनाई दे रही थी। घटना को लेकर पूरे क्षेत्र में मातम छा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार कंधरापुर थाना क्षेत्र के मंदूरी गांव निवासी सुनील निषाद (26 ) तीन भाईयों में छोटा था। दो माह पूर्व ही वह बेटे का पिता बना था। आरा मशीन मालिक सुनील के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक ठाक थी। बेटा पैदा होने के बाद निशानी के तौर पर नई एर्टिगा गाडी खरीदा था। सुनील के साथ अर्टिगा में कंधरापुर थाना क्षेत्र के पचखोरा गांव निवासी हाल मंदुरी थाना कप्तानगंज अभिषेक मौर्य 24 पुत्र चंद्रपति, तहबरपुर थाना क्षेत्र के जिगना करनपुर निवासी पप्पू उर्फ श्याम नरायन विश्वकर्मा 43 पुत्र श्रीराम, कंधरापुर थाना क्षेत्र के पचखोरा गांव निवासी सुभाष 33 पुत्र छेदी, तहबरपुर थाना क्षेत्र के सम्मोपुर निवासी अनिल 40 पुत्र छेदीलाल एडवोकेट, कप्तानगंज निवासी अर्जुन 27 पुत्र मूसे सोनकर, कन्धरापुर थाना क्षेत्र के करेन्हुआ गांव निवासी मनोज शर्मा 30 पुत्र हरिलाल तथा कप्तानगंज थाना क्षेत्र के जमुआ गांव निवासी चुन्नीलाल 40 रमेश कार में सवार थे। सभी अयोध्या पहुंचकर दर्शन किये इसके बाद घूमने की नियत से लखनऊ की तरफ जा रहे थे। अभी वे लखनऊ फैजाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर रौनाही थाना क्षेत्र के ड्योढ़ी मोड़ के पास पहुंचे थे कि गेहूं लदा ट्रक आ गया। कार की गति तेज होने के कारण वह सीधे ट्रक में घुस गयी। इस दुर्घटना में कार सवार आठों युवकों की मौत हो गयी।  इन सभी लोगों का घर कप्तानगंज बाजार के आसपास ही  है। एक किलोमीटर की परिधि में इनका गांव है। अभिषेक को छोड़ अन्य लोग लकड़ी का कारोबार करते थे और आपस में अच्छे दोस्त थे। बीती रात करीब 02 बजे सीओ फैजाबाद ने एसओ कप्तानगंज और कंधरापुर को घटना की जानकारी दी। दोनों थानों की पुलिस ने घर वालों को बताया। इनके घर वाले बगैर महिलाओं को जानकारी दिए ही घटनास्थल की ओर रवाना हो गए। लेकिन रविवार को दरवाजे पर  रिश्तेदारों और परिचितों के जुटने पर महिलाओं को जानकारी हो गई और वे दहाड़े मारकर रोने लगी। चीखपुकार सुनकर सांत्वना देने के लिए दरवाजे पर जुटे लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। घटना से क्षेत्र में मातम छाया हुआ है। दिन चढ़ते-चढ़ते यह खबर जांगले की आग की तरह पूरे जनपद में फ़ैल गयी  हर तरफ बस इसी घटना का जिक्र हो रहा है । 
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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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