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बाढ़ में देवारा शरणार्थियो को बसाने में उठानी पड़ेगी परेशानी



डीएम ने मातहतो को दिया सख्त निर्देश,24 घंटे के भीतर सौपे रिपोर्ट 

सड़के टूटी, रैनबसेरो की हालत जर्जर, शौचालयो में जाने योग्य नही

पुरे बांध पर जगह जगह हजारो रैनकट से कभी हो सकती बड़ी समस्या
सगड़ी/आजमगढ़। सगड़ी तहसील के उत्तर में बहने वाले घागरा नदी जिस तरह से बढ़ रही है और ऊपर बारिश के हालात जैसे है को देखते हुए देवारा क्षेत्र में नदी कभी भी तबाही मचा सकती है पर प्रशासन गम्भीर नही है। जिसके वजह से बांध पर बने 08 आठ रैनबसेरों की हालत जहां पतली है। जो जगह जगह जीर्ण शीर्ण हालत में है तो शौचालय प्रयोग योग्य नहीं है। महुलागढ़वल बांध दामहुला से लेकर महाराजगंज तक हजारों रेन कट बड़े बड़े जगह जगह बने होने के कारण से बंधा कमजोर हालत में हो चुका है पर प्रशासन ने अब तक गम्भीरता नहीं दिखाई। ना हीं पूरे वर्ष बांध की हालात पर नजर रखी गयी । जबकि घाघरा नदी और बदरहुआ नाला छोटी सरजू नदी से कुल 407 गांव पूर्ण रूप से प्रभवैत होते है। जिसमे 134 गांव घघरा से होते है। वर्ष 2014 में आई भीषण बाढ़ ने 21 अगस्त की रात में प्रशासन के होश उड़ गए थे । जब जिले का पूरा प्रशासन बांध पर उतर आया था । और नदी ने बदरहुआ नाला के गेज को छोड़ कर सभी गेजो पर वर्ष 1998 का उच्च्तम स्तर पार करते हुये रिकार्ड ध्वस्त कर दिया था। पर उस वर्ष की बाढ़ से बुरी तरह से जर्जर हो चुका जनपद का सबसे लंबा बांध कई जगह कट गया था पर अब तक बांध की मरम्मत नहीं करायी जा सकी । जिसको देखते हुए बाढ़ आने पर प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती कभी भी खड़ी हो सकती है । कारण कि बेलहिया, इस्माइलपुर, ,निबिहवा,रोशनगंज ,हैदराबाद ,सहदेवगंज ,कुडही आदि स्थानों पर बने रैन बसेरे बुरी तरह से जर्जर और शौचालय प्रयोग योग्य नहीं है।शौचालयों पर उगे बड़े.बड़े सरपत जहां विषैले जानवरों ने अपना घर बना लिया है तो रैनबसेरों की मिट्टी बह गई है जहां बाढ़ में शरणार्थियों को शरण दी जा सके। ऊपर से अब तक मरम्मत ना होने से बांध पर खतरा मंडरा रहा है और नदी का जल स्तर अब तेजी से बढ़ने लगा है। देवारा वासियों को समझ में नहीं आ रहा हर साल बॉढ़ से निपटने के लिए कोई ठोस कदम क्यो नही उठाया जाता।


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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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