आजमगढ़। राज्य सरकार द्वारा जारी की गयी अधिसूचना रजिस्ट्रीकरण और विनिमय की नियमावली को जिले के चिकित्सकों ने एक सिरे से खारिज करते हुए इसे जन विरोधी करार दिया है। बुधवार को मिशन अस्पताल परिषर में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान आईएमए के जिलाध्यक्ष डॉ. निर्मल श्रीवास्तव, सचिव डॉ. अशोक सिंह व डॉ. स्वास्ति सिंह ने कहा कि सरकार के किस अधिनियम के विरोध में 30जुलाई को पूरे उत्तर प्रदेश में विरोध दिवस मनाया जायेगा। चिकित्सक जनों ने कहा कि इस अधिनियम के तहत प्रत्येक चिकित्सा संस्थान को सरकार से पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। इससे अपंजीकृ त जगह पर चिकित्सा प्रदान करना गैर कानूनी होगा। इस प्रकार जन हित में चिकित्सा शिविर लगाना असंभव होगा। यह एक्ट पश्चिमी देशों के मानकों के आधार पर बनाया गया। जो कहीं से भी न तो जनता के हित में है और न ही चिकित्सक के हित में है। इतना ही नहीं अस्पतालों में मान्यता प्राप्त नर्स व चिकित्सा सेवा प्राप्त कर्मी को रखना अनिवार्य होगा। जबकि पूरे देश में डब्लूएचओ के रिपोर्ट में 24 लाख नर्सों की कमी बतायी गयी है। इन सब तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए यह कहा जा सकता है। यदि सरकार इस एक्ट को लागू करती है तो अधिकांश अस्पताल व नसर््िांगहोम बन्द हो जायेंगे। चिकित्सक जनों ने मांग किया कि जब तक प्रदेश में मान्यता प्राप्त सेवाकर्मी उपलब्ध नहीं हो जाते है तब तक इस एक्ट के प्रावधान में छुट दिया जाये। इसके अलवा एकल क्लीनिक को भी इस एक्ट से बाहर रखा जाये। चिकित्सा को एक निश्चित सीमा में बांधना कहीं सेउचित नहीं है। चिकित्सक जनों ने कहा कि सरकार को जनहित में इसे ध्यान में रखते हुए वापस ले लेना चाहिए।
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