तहबरपुर। विकास खंड तहबरपुर के भीलमपट्टी गांव में इन दिनों डायरिया का प्रकोप है। गांव के बूढ़े, बच्चे और जवान रोग की गिरफ्त में हैं। इनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। जबकि इस रोग की चपेट में आने से एक आठ वर्षीय बच्ची की मौत हो चुकी है। परेशान गांव वालों ने स्थानीय डाक्टर के यहां शिकायत किए। लेकिन स्वास्थ्य महकमा बीमारी की रोकथाम के लिए दवा आदि का छिड़काव करने के बजाय मौन साधे हुए है। भीलमपट्टी गांव की आबादी करीब एक हजार से अधिक है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तहबरपुर से करीब पांच किलोमीटर दूरी पर स्थिति इस गांव में करीब एक सप्ताह से डायरिया की बीमारी का प्रकोप चल रहा है। बीमारी से ग्रसित गांव के कमलेश की आठ वर्षीय बेटी अंतिमा की इलाज के दौरान बुधवार को प्राइवेट अस्पताल में मौत हो गई। जबकि उसकी दो वर्षीय बहन राधिका, मां विमला देवी (39) का अभी भी इलाज चल रहा है। रोग की गिरफ्त में गांव के अमित (12), अवनीश (10 ) पुत्रगण रमेश, रामू (42) उसके पिता राधेश्याम (65 ), अनिल (04) पुत्र सुनील, रीना (05 ) पुत्री डब्लू, उर्मिला देवी (50 ) पत्नी जगदंबा, निरहू (12 ) पुत्र अशोक, रीना देवी (34 ) पत्नी राजकुमार पांडेय, गीता देवी (25 ) पत्नी संतोष, वर्षा (02 ) पुत्री संतोष, सलोनी (05 ) पुत्री दिनेश सहित करीब दो दर्जन से अधिक लोग बीमारी की जद में हैं। पीडि़तों में किसी का सीएचसी फूलपुर में तो किसी का जौनपुर जिले के शाहगंज बाजार स्थित सरकारी अस्पताल या क्षेत्र के प्राइवेट डाक्टर के यहां इलाज चल रहा है। मरीजों की दशा यह है कि सभी को उल्टी, दस्त की शिकायत है। रोग से ग्रसित लोगों के परिवारवालों की मानें तो बीमारी के संबंध में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तहबरपुर पर डाक्टर से शिकायत की गई। लेकिन वे इलाज या रोकथाम करने की बजाय अन्यत्र कहीं बेहतर इलाज कराने की सलाह दिए। प्रभारी चिकित्साधिकारी तहबरपुर डा. संजय कुमार ने कहा कि इसकी जानकारी उन्हें मिली है। डा. चतुरी चौहान के नेतृत्व में टीम गठित कर शुक्रवार को जांच करने के लिए गांव में भेजा जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
Blogger Comment
Facebook Comment