आजमगढ़। बहुजन समाज पार्टी में स्वामी प्रसाद मौर्या के पार्टी छोड़ने के बाद अब पार्टी में जनपद स्तर पर भी बगावती सुर आने लगे हैं । शनिवार को बसपा के साहू समाज भाई चारा कमेटी के पूर्व मण्डल कोआर्डिनेटर रामविलास साहू ने पार्टी छोड़ते हुए कहा कि बसपा हमेशा स्वर्ण समाज के विरोध के नाम पर दलित एवं पिछड़ों को एक जुट करके उनका वोट बेचने और सवर्ण समाज को प्रश्रय देने का काम करती है। नगर के बागेश्वर नगर स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में रामविलास साहू ने कहा कि बसपा में घुटन महसूस होने की वजह से वह यह पार्टी छोड़ रहे है। उन्होंने कहा कि इस दल में अम्बेडकर व काशीराम के विचारों के साथ-साथ दलित एवं पिछड़ों के सपनों को बेचा जा रहा है। दलित एवं पिछड़े समाज के लोग इस गलत फहमी में थे कि बसपा जब अस्तित्व में आयेगी तो उन्हें सम्मान मिलेगा। बसपा सुप्रिमो मायावती पार्टी का टिकट 2-6 करोड़ रूपये में बेंच रही है इस टिकट की खरीदारी करने वाले उच्च जाति के सुविधा सम्पन्न लोग है ऐसी स्थिति में निश्चित तौर पर बसपा की सरकार बनने के बाद भी दलित एवं पिछड़े समाज के लोग हाशिये पर होंगे, क्योंकि उनके टिकट की कीमत पैसे वाले ही दे सकते है। जिन्होंने हमेशा दलित और पिछड़ों को अपमानित करने और अपने धन वैभव के नशे में हमेशा दलित समाज को लूटने का काम किया है। श्री साहू ने कहा कि पार्टी का मिशन था कि जिसकी जितनी भागेदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी होगी लेकिन बसपा अपने मिशन से भटक गयी है और सिर्फ पैसे वालों को टिकट दे रही है। इस पार्टी में कार्यकर्ताओं का कोई मतलब नही है। उन्होंने कहा कि जब वह विधान सभा के टिकट के लिए बसपा के दहलीज पर गये तो उनसे टिकट देने के लिए 3 करोड़ रूपये तथा मायावती से मुलाकात करने के लिए 5 लाख रूपये मांगे गये।
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