डॉ ध्रुव राज सिंह ने युवा और योग विषय पर अपने व्याख्यान में कहा कि आज तकनीकी के युग में युवाओं को मानसिक शांति योग से मिल सकती है. वैश्विक स्तर पर योग के लिए प्रशिक्षकों की मांग में तेजी से वृद्धि हो रही है. युवा योग प्रशिक्षक बन कर इस क्षेत्र में अपना बेहतर कैरियर भी बना सकते है. आयोजन सचिव डॉ विक्रम देव ने भी अपने विचार व्यक्त किये। योग के विभिन्न आयामों पर जय सिंह गहलोत एवं कृष्ण मुरारी ने भी विचार व्यक्त किये।
योगाभ्यास कार्यक्रम में खड़े होकर किए जाने वाले आसन ताड़ासन, वृक्षासन,पादहस्तासन, अर्ध चक्रासन, त्रिकोणासन बैठकर किए जाने वाले आसन भद्रासन, वज्रासन/वीरासन,अर्ध उष्ट्रासन, उष्ट्रासन,शशांकासन,उत्तानमंडूकासन एवं मरीच्यासन/वक्रासन उदर के बल लेटकर किए जाने वाले आसन मकरासन भुजंगासन एवं शलभासन पीठ के बल लेटकर किए जाने वाले आसन सेतुबंधासन, उत्तानपादासन,अर्धहलासन,पवनमुक्तासन एवं शवासन का प्रदर्शन कर योगाचार्यों ने अभ्यास करवाया।
महोत्सव में आफताब डांस ग्रुप के कलाकारों ने नृत्य की प्रस्तुति में योग के आसनों को भी प्रदर्शित किया। युवा कलाकार वैभव बिन्दुसार एवं शौर्य पाल ने गीत प्रस्तुत किये।शुभ्रा मल्ल ने देशभक्ति गीत मेरा जीवन है तेरे हवाले की प्रस्तुति की.अंजुम श्रीवास्तव ने शांति पाठ किया।
संचालन संजय श्रीवास्तव एवं आभार डा. दिग्विजय सिंह राठौर ने व्यक्त किया।इस अवसर पर डा.मनोज मिश्र, शशि, डॉ नागेंद्र द्विवेदी, डॉ कमलेश यादव, डॉ सतीश सिंह,हिमांचल सिंह, डा. इन्द्रेश,एम.एम. भट्ट, सुशील प्रजापति, डा. विद्युत मल्ल, मोहन पांडेय, रमेश पाल, अरुण शर्मा,पंकज सिंह समेत विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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