.

पुण्यतिथि : कैफी आजमी दिलों में राज करते हैं, मिजवां को मिली एम्बुलेंस





फूलपुर (आजमगढ़) : अपने गीतों और गजलों के माध्यम से पूरी दुनिया को दिशा दिखाने वाले प्रख्यात शायर कैफी आजमी आज भी लोगों के दिलों में राज करते हैं। नामचीन शायर की 14वीं पुण्यतिथि उनके पैतृक गांव मेजवां के फतेह मंजिल में 10 मई को मनाई जाएगी। इस दौरान विविध कार्यक्रमों भी आयोजित होंगे। कैफी आजमी 14 जनवरी 1919 को फूलपुर के मेजवां गांव में फतेह हुसैन और हफीजुन निशा की गोद में बहार बनकर आए थे। बचपन में माता-पिता द्वारा बड़े ही प्यार से सैयद अतहर हुसैन रिजवी के नाम से पुकारा जाता रहा। कैफी साहब को बचपन से ही शेरो-शायरी में काफी लगाव रहा है। महज 11 साल की उम्र में ही उनकी पहली गजल 'इतना तो ¨जदगी में किसी की खलल पडे, हंसने से हो सुकून रोने से कल पडे' दुनिया के सामने आ गई थी। उर्दू की शिक्षा ग्रहण करने के लिए वे लखनऊ गए जहां से उन्होंने उर्दू की तालीम हासिल की। 19 साल की ही उम्र में शेरो और शायरी के शौक उन्हें मुंबई महानगर खींच ले गई। इस दौरान उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से भी अपना रिश्ता जोड़ लिया। उन्होंने 1942 के भारत छोडा़े आंदोलन में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा। 1942 तक कैफी आजमी शायरी की दुनिया में काफी मशहूर हो चुके थे। इसी बीच उन्होंने निकहत से निकाह कर उन्हें अपना जीवनसाथी बनाया। 1952 में पहली बार फिल्मों में गीत लिखना शुरू किया जो फिर रुकने का नाम ही नहीं लिया। 'बुजदिल', 'हंसते जख्म', 'हिन्दुस्तान की कसम', 'कागज के फूल', 'शोला और शबनम' जैसी तमाम फिल्मों में अपने गीत लिखे। 1973 में मुंबई को छोडकर वापस अपने गांव आ गए। 10 मई 2002 को कैफी आजमी 'कर चले हम फिदा जान वो तन साथियों, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों' कह कर दुनिया से विदा हो गए।
वहीँ कैफी आजमी के मेजवा गांव को मुख्यमंत्री के पहल पर स्वास्थ्य महकमा द्वारा 108 नंबर पर डायल करने पर उपलब्ध होने वाली एम्बुलेंस मिली जो एएनएम सेंटर पर रहकर गांव के मरीजों में 24 घंटे सेवा प्रदान करेगी। इस एम्बुलेंस के आ जाने से मेजवा बक्सपुर सहित लगभग आस-पास के लगभग एक दर्जन गांवों के लोगों को राहत होगी। मेजवां वेलफेयर सोसाइटी के डिप्टी चेयरमैन आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि अप्रैल के प्रथम सप्ताह में लखनऊ आगमन के दौरान कैफी आजमी की पुत्री व सिने तारिका शबाना आजमी ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। इस दौरान सिने तारिका ने मुख्यमंत्री से मेजवा गांव के विकास से संबंधित कई ¨बदुओं पर चर्चा की थी। इस पर मुख्यमंत्री ने उनसे मेजवां गांव के विकास के संबंध में प्रस्ताव मांगा था जिसके परिपेक्ष्य में शबाना आजमी ने 17 ¨बदुओं को प्रस्ताव भेजा था। इसमें पिछले फरवरी माह में जहां एक ट्यूबवेल का शुभारंभ हो गया वहीं मेजवां व आसपास के गांवों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 24 घंटे सेवा के लिए 108 एम्बुलेंस पहुंच गई। ग्रामीणों ने गांव की बिटिया की इस पहल की सराहना की।



Share on Google Plus

रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

आजमगढ़ लाइव-जीवंत खबरों का आइना ... आजमगढ़ , मऊ , बलिया की ताज़ा ख़बरें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment