आजमगढ़.: एक युवक को बैंक में नौकरी दिलाने के नाम पर बैंक कैशियर ने अपने साथी के साथ मिलकर पांच लाख रूपया ले लिया। बाद में उसे फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी पकड़ा दिया युवक जब नौकरी ज्वाइन करने पहुंचा तो ज्वाइनिंग लेटर फर्जी निकला। इसके बाद कैशियर और उसका साथी फरार हो गया। पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया तो पीड़ित न्यायलय की शरण में गया। कोर्ट के आदेश पर बुधवार को सरायमीर पुलिस ने कैशियर और उसके साथी के खिलाफ मामला पंजीकृत किया। सरायमीर थाना क्षेत्र के फरीदुद्नपुुुर गांव निवासी प्रेमसागर पाठक वर्ष 2010 में बरदह थाना क्षेत्र के जिंदोपुर गांव स्थित अपने रिश्तेदार के घर गये थे। यहां वे अपने रिश्तेदार के साथ पंजाब नेशनल बैंक की शाखा ठेकमा गये। उसी समय कैशियर रानी की सराय थाना क्षेत्र के रूदरी गांव निवासी संजय सिंह ने वांट निकलने की बात कही और कहा कि अगर किसी को नौकरी दिलाना होगा तो बता दीजिएगा। इसपर प्रेमसागर ने अपने पुत्र शिवाकर को नौकरी दिलाने के लिए कहा। इसके बाद कैशियर ने कहा कि नौकरी मऊ जनपद के भांवरकोल गांव निवासी अजीत सिंह दिलायेगे वह उनसे बात करा देगा। इसके बाद अजीत और प्रेमसागर की बात फोन पर हुई और पांच लाख में बात तय हुई। आठ जुलाई 2010 को प्रेमसागर ने एक गवाह की मौजूदगी में संजय और अजीत को सरायमीर कस्बे में पांच लाख रूपया दे दिया। इसके बाद कैशियर ने 14 जुलाई को ज्वाइनिंग लेटर दे दिया जिसपर 15 से 30 जुलाई के बीच सर्विस ज्वाइन करने को कहा गया था। शिवाकर 15 जुलाई को नौकरी ज्वाइन करने पंजाब नेशनल बैंक की मुख्यशाखा आजमगढ़ पहुंच गया। >यहां प्रबंधक ने उसे बताया कि लेटर फर्जी है। इसके बाद से पिता पुत्र संजय और अजीत को तलाशते रहे लेकिन उनसे मुलाकता नहीं हुई। धन डूबता देख शिवाकर ने थाने में तहरीर दी लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। इसके बाद वह न्यायालय के शरण में गया। न्यायालय के आदेश पर बुधवार को सरायमीर थाने की पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला पंजीकृत कर लिया। थानाध्यक्ष अश्वनी कुमार ने बताया कि मामला पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी गयी है।
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