आजमगढ़ : सूखा राहत चेक, मनरेगा के तहत काम व चकमार्ग के सीमांकन को लेकर ग्रामीणों के साथ ग्राम प्रधान का तहसील में प्रदर्शन करना भारी पड़ गया। क्षेत्रीय लेखपाल ने प्रधान और उसके एक साथी पर दुर्व्यवहार करने व अभिलेख फाड़ने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी है। अब यह मामला तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। प्रधान ने लेखपाल पर मनमानी करने का आरोप लगाया है। बता दें कि फूलपुर तहसील क्षेत्र के खेमीपुर गांव के लोगों ने मंगलवार को ग्रामप्रधान रामचरित्र के नेतृत्व में तहसील परिसर में जमकर विरोध प्रदर्शन किये थे। इस दौरान लोगों ने क्षेत्रीय लेखपाल श्यामनरायन पुत्र लेखई पर सूखा राहत का चेक न बांटने व चकमार्ग का सीमांकन न करने का आरोप लगाया। ग्रामीणों का आरोप था कि सीमांकन न होने से जहां गांव का विकास रूका है, वहीं उहें रोजगार भी नहीं मिल रहा हैै। ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंप सीमांकन कराने व राहत चेक वितरित करने की मांग की थी। मांग पूरी न होने पर गांव के रतनलाल, इन्द्रावती, अमिलेश, शीतला, निशा, राममिलन, लालमन, रामबचन, लालजीत, उषा, कैलाशी, सीता, रामेई, सुदामी, अतुल आदि ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी थी। देर शाम इस मामले ने उस समय नया मोड़ ले लिया जब लेखपाल ने फूलपुर कोतवाली में तहरीर देकर आरोप लगाया कि वह राजस्व निरीक्षक कक्ष में बैठा था। तभी ग्रामप्रधान अपने साथी के साथ आये और अभिलेख फाड़ने के साथ ही गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने इस मामले में प्रधान व उसके साथी के खिलाफ मामला पंजीकृत कर लिया है। वहीं प्रधान का कहना है कि लेखपाल द्वारा मनगढंत कहानी बनाई गयी है। क्षेत्र के ग्राम प्रधानों में भी घटना को लेकर आक्रोश दिख रहा है।
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