.

'सड़क संसार और विद्यार्थी' विषय पर शिब्ली नर्सरी परिसर में हुआ मंथन


आजमगढ़ : शिब्ली नर्सरी परिसर में शुक्रवार को 'सड़क संसार और विद्यार्थी' थीम पर आयोजित कार्यशाला में सभी ने कहा कि निश्चत ही इससे जागरुकता बढ़ेगी और दुर्घटनाओं में कमी आएगी। एआरटीओ राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि पूरी दुनिया का एक प्रतिशत वाहन भारत के लोग खरीदते हैं, जबकि सड़क हादसे में मृत्यु 10 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ में सड़क का संस्कार और जीवन चुनौती पूर्ण है। शिब्ली नेशनल इंटर कालेज के सुहैल अहमद ने कहा कि यातायात ड़क का नियम का पाठ प्राथमिक कक्षा से ही अनिवार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि सड़क पर मानवता का खून बह रहा है। यह वर्तमान वैज्ञानिक समय पर सबसे बड़ा अभिशाप है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार ये प्रत्येक शिक्षण संस्था में प्रयोगशाला है, खेल का मैदान है, पुस्तकालय अनिवार्य है वैसे ही ड्राइविंग  सेंटर भी अनिवार्य करके यातायात शिक्षा का अध्ययन का विषय बनाना होगा। संस्कृति कर्मी व राज्य सड़क सुरक्षा परिषद हरियाणा के सदस्य राजीव रंजन ने कहा कि पूरी दुनिया में प्रतिवर्ष 15 लाख लोग प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं में मारे जा रहे हैं। 90 प्रतिशत हादसे विकासशील देशों में होते हैं। सड़क दुर्घटनाएं प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। भारत में प्रति घंटा 15 लोग मारे जा रहे हैं। इसका अर्थ है 360 लोग 24 घंटे में मारे जा रहे हैं। सड़क हादसों में शिकार 70 प्रतिशत लोग 30 से 59 वर्ष आयु वर्ग के लोग हैं जो निश्चित है अपने परिवार के संचालन में मुखिया है। सड़क दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण चालक की लापरवाही और उसका गलत रवैया है।  राजीव रंजन ने कहा कि विश्व में सड़क हादसों में मरने वाले लोगों में 50 प्रतिशत से अधिक पैदल चलने वाले या साइकिल चलाने वाले मरते हैं, जबकि सड़क अभियांत्रिकी से 70 प्रतिशत और मोटर इंजन की खराबी से 5 प्रतिशत। आंकड़े बता रहे हैं कि चालक अपने वाहन के रफ्तार पर नियंत्रण रखना होगा और चालक के धैर्य और समझ पर निर्भर है। ऐसे में प्रत्येक सड़क उपयोगकर्ता को संवेदनशील बनना होगा ताकि वह अपने वाहन को सुरक्षित लेन पर लेकर न चलें बल्कि दूसरे की सुरक्षा की भी गारंटी बनें। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य फरहत ने कहा कि हमारे परिसर के विद्यार्थियों का प्रति माह सड़क संसार विषय पर खुली क्लास आयोजित की जाएगी। इसमें सड़क की दुनिया और दुविधा को विमर्श का विषय बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की एक हजार से अधिक की संख्या में हिस्सेदारी इस बात का प्रमाण है कि बचपन में किताबों की जगह भय ने ले लिया है। ऐसे में इस प्रकार की कार्यशाला ही विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा का प्रहरी बनाएगी। कार्यक्रम के अंत में कहा गया की विद्यार्थी जिसने भी सड़क दुर्घटना होते देखें  हो या फिर सड़क दुर्घटना के पीड़ित परिवार को जानता हो तो दुख को अपने तरीके से लिखकर भेजें। बेहतर रचना कथावस्तु और लेखन को प्रेमचंद के जन्म दिन 31 जुलाई को सम्मानित किया जाएगा। लेख या कहानी शिब्ली इंटर कालेज, शिब्ली नर्सरी या सृजन परिसर लछिरामपुर के पते पर प्रेषित किया जा सकता है। इस अवसर पर दर्जनों शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित रहे। 
Share on Google Plus

रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

आजमगढ़ लाइव-जीवंत खबरों का आइना ... आजमगढ़ , मऊ , बलिया की ताज़ा ख़बरें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment