.

पूर्वांचल विकास आंदोलन ने यू पी में शराब बंदी की मांग की


आजमगढ़.: राजस्व में वृद्धि में लिए एक तरफ जहां यूपी सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत अंग्रेजी शराब के मूल्य में 25 प्रतिशत तक कमी कर शराब की ब्रिकी बढ़ाने पर जोर दे रही है। वहीं आम आदमी शराब बंदी के पक्ष में लामबंद होता जा रहा है। शराब बंदी के लिए अब तक जिले की महिलाएं ही आंदोलन करती नजर आती थी लेकिन अब पूर्वांचल विकास आंदोलन ने भी इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संगठन के लोगों ने शुक्रवार को डीएम से मुलाकात कर राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा तथा नौजवानों के भविष्य के लिए प्रदेश में शराब पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगाने की मांग की। संगठन के संयोजक प्रवीण कुमार सिंह ने कहा कि शराब समाज के लिए जहर साबित हो रही है। इससे न केवल लोग आर्थिक रूप से कमजोर हो रहे है बल्कि बीमारियों की चपेट में आकर असमय मौत के ग्रास बन रहे हैं। आज प्रदेश में लगातार बढ़ रही दुर्घटनाओं के पीछे भी शराब है। दुर्घटना के शिकार होकर अस्पताल पहुंच रहे ज्यादातर लोग नशे में पाये जा रहे हैं। पुलिस विभाग के आंकड़ों के मुताबिक घरेलू हिंसा, बलात्कार और बलवा में शामिल लोग अक्सर शराब के नशे में पाये जाते हैं। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि लगातार बढ़ रहे अपराध के पीछे भी कहीं न कहीं शराब की भूमिका है। युवा वर्ग तेजी से नशे का शिकार हो रहा है। बेरोजगारी के इस दौर में नशे व अन्य जरूरते की पूर्ती के लिए बड़ी संख्या में लोग अपराध का सहारा ले रहे हैं। नशे की लत के चलते वे अपनी पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ते जा रहे हैं। सब मिलाकर शराब समाज की बर्बादी की मुख्य वजह बन रहा है। इसलिए इसपर पूर्ण प्रतिबंध जरूरी है। अन्य प्रदेशों में शराब पर प्रतिबंध का बेहतर परिणाम देखने को मिल रहा है। इसलिए उत्तर प्रदेश में भी शराब पर प्रतिबंध लगाया जाय।

Share on Google Plus

रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

आजमगढ़ लाइव-जीवंत खबरों का आइना ... आजमगढ़ , मऊ , बलिया की ताज़ा ख़बरें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment