.

संविधान सुरक्षा सम्मेलन: जो हालात इस समय है उसने प्रत्येक देश भक्त को चिन्तित कर दिया है - अरशद मदनी

देश में बढती अराजकता देश की उन्नति के लिये घातक - स्वामी अग्निवेश
समान विचार धारा वाली पार्टियां महागठबंधन कर साम्प्रदायिक शक्तियों को विफल करें - तीस्ता शीतलवाड़ 



सरायमीर (आजमगढ़):1 अप्रैल 2016 : बढ़ती हुई असहिष्णुता के माहौल से न केवल पूरा देश अशांत है बल्कि उसने विश्व समुदाय को भी भारत के प्रति चिन्तित कर दिया है। पिछले लगभग दो सालों से केन्द्र सरकार जो व्यवहार एंव कार्यशैली सामने आयी है वह भारत के राजनीतिक इतिहास का काला अध्याय है।
उक्त बातें जमिअत-उलेमा -ए-हिन्द के राट्रीय अध्यक्ष अरशद मदनी ने कही। वे शुक्रवार को स्थानीय मदरसा फैज़-उल-ऊलूम में आयोजित एक दिवसीय संविधान सुरक्षा सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होने कहा कि इस समय देश की स्थिति जितनी चिन्ताजनक है उसका अतीत में उदाहरण नहीं मिलता केन्द्र में सत्ता परिवर्तन के बाद से एक के बाद एक जो घटनाएँ हो रही हैं इससे अब इसमें कोई संदेह नहीं रह गया है कि भारत फासीवाद की चपेट में चला गया है।  ऐसी स्थिति तो सन् 1947 में देश विभाजन के समय नहीं थीं,जो इस समय है उसने प्रत्येक देश भक्त को चिन्तित कर दिया है। आतंकवाद के नाम पर इस्लाम व मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है तथा अल्पसंख्यक समुदाय को वोट के अधिकार को वंचित करने की धमकी दी जा रही है। देश के प्रतिष्ठित समकालीन शैक्षिक संस्थान और विश्वविद्यालय भी सत्ता के नशे में चूर लोगों की छेड़ छाड़ से सुरक्षित नहीं है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार को बल पूर्वक छीन लेने के हर उपाय उपयोग किए जा रहे हैं। स्वतंत्रता आन्दोलन के नेताओं का अपमान किया जा रहा है। महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को हीरो बनाकर उसकी प्रतिमा स्थापित करने का जो साहस किया जा रहा है, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि संप्रदायिक शक्तियों ने अपना असल लक्ष्य देश के धर्म निर्पेक्ष संविधान को ही बना लिया है। ऐसी परिस्थिति में संविधान की सुरक्षा के लिये जागरुकता पैदा करना हमारा प्रथम कर्तव्य है। क्योंकि देश के संविधान की सुरक्षा हर नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि वह इस पर पूर्णतः विचार करे तथा अपने पूर्वजों की प्राचीन परम्पराओं व उनकी गंगा -जमुनी तहज़ीब को न छोड़े और इसको आगे बढाने के लिये संघर्ष करे।
सम्मलेन में स्वामी अग्निवेश  ने कहा कि देश की उन्नति व खुशहाली के लिये आपसी भाई चारा एक दूसरे धर्मों का आदर हमारा परम कर्तव्य है इसके बिना हमारा देश उन्नति की सीढ़ियाँ नहीं तय कर सकता है। देश में बढती अराजकता देश की उन्नति के लिये घातक है। धार्मिक सद्भाव के लिये जिस प्रकार से इस्लामिक मदरसों ने आगे बढकर राट्रीय एकता सम्मेलन आयोजित करके आपसी गलतफहमियों को दूर करने का प्रयास किया है वह नि:संदेह बधाई के पात्र हैं।
स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती जी ने कहा कि देश में संविधान की सुरक्षा के लिये यह समझना आवश्यक है कि देश पर आर. एस. एस. जैसे संगठनों की सोच को जबरन थोपना देश के लिये अधिक खतरनाक है। राजनीतिक व समाजिक संगठनों का कर्तव्य बनता है कि संप्रदायिक शक्तियों के विरुद्ध खडे हो जाएं अन्यथा देश की एकता का ताना बाना पूर्णतः ध्वस्त हो जाएगा।
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता  सीतलवाड ने कहा कि सभी समान विचार धारा वाली पार्टियां  बिहार राज्य की तरह महा गठबंधन के लिए अपने -अपने निजी स्वार्थ से उपर उठकर संविधान की सुरक्षा व भाई चारा के लिए बलिदान दें और संप्रदायिक शक्तियों के इरादों को पूर्ण रुप से विफल बनाएं।
इसके अतिरिक्त सुखदेव राजभर, रियाज पूनावाला,मौलाना हबीबुर्रहमान, अब्दुल अलीम फारुकी, आदि लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सभा का संचालन मौलाना मुफ्ती अशफ़ाक अहमद आजमी ने किया।
Share on Google Plus

रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

आजमगढ़ लाइव-जीवंत खबरों का आइना ... आजमगढ़ , मऊ , बलिया की ताज़ा ख़बरें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment