
आजमगढ़. : एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद असदुद्दीन ओवैसी का जनपद में कार्यक्रम लगातार पांचवी बार रद्द होने से जहां कार्यकर्ता निराश दिखे वहीं उनमें आक्रोश भी साफ दिखा। कार्यक्रम रद्द होने के बाद भी रविवार को सैकड़ों की संख्या में लोग बैतुलउलूम पहुंच गये थे। कार्यकर्ता प्रशासन के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए तैयार थे लेकिन जिलाध्यक्ष कलीम जामई व अन्य पदाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद लोग शांत हो गये। वैसे पुलिस किसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार दिखी। सरायमीर से लेकर मदरसे तक भारी संख्या में फोर्स तैनात कर दी गयी थी। जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में लोगों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंप विरोध दर्ज कराया। और दो टूक कहा कि ओवैसी का कार्यक्रम रद्द कर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एवं लोकतंत्र की हत्या की गयी है लेकिन वे जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य निभायेंगे। साथ ही उम्मीद जताई कि जिलाधिकारी अपने वादे पर खरे उतरते हुए जल्द ही ओवैसी के कार्यक्रम की अनुमति देंगे। बता दें कि वर्ष 2015 में 2 फरवरी, 12 जून, 25 जून तथा वर्ष 2016 में 22 फरवरी एवं 23 अप्रैल को ओवैसी का कार्यक्रम जिले में तय हुआ। हर बार किसी ने किसी बहाने प्रशासन द्वारा कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी गयी। इस बार ओवैसी को शनिवार की रात माहुल पहुंचना था और वे आज यानि 24 अप्रैल को सरायमीर के बैलुलउलूम में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेते लेकिन शुक्रवार को मुबारकपुर में बवाल हो गया। इस बवाल को ही ढाल बनाकर प्रशासन ने अवैसी के जिले में प्रवेश पर रोक लगा दिया और जिले की सीमा शील कर दी गयी। जिसके कारण ओवैसी को अंबेडकर नगर से वापस लौटना पड़ा। वहीं दूसरी तरफ बैतुलउलूम पर कार्यक्रम की तैयारी पूरी हो चुकी थी। अहम बात है कि कार्यक्रम रद्द होने के बाद भी भारी संख्या में लोग रविवार की सुबह बैतुलउलूम पहुंच गये थे। शायद प्रशासन को इसका अंदेशा था यही कारण है कि सरायमीर से लेकर मदरसे तक भारी संख्या में फोर्स तैनात कर दी गयी थी। सीओ फूलपुर और एसडीएम मौके पर डटे हुए थे। कार्यक्रम रद्द होने से कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश दिखा। जिलाध्यक्ष कलीम जामई ने कहा कि ओवैसी पूरे प्रदेश में कार्यक्रम कर रहे है। अभी शनिवार को उन्होंने सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, सोहरतगढ़, गोडा आदि क्षेत्रों में गये लेकिन हर जगह शांति से कार्यक्रम संपन्न हुआ। प्रशासन ने पूरा सहयोग किया। वहां भी कुछ संगठनों ने विरोध की चेतावनी दी थी लेकिन कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। फिर आजमगढ़ में अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है। आजमगढ़ प्रदेश से अलग नहीं है। आजमगढ़ का कार्यक्रम देर रात रद किया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि मुबरकपुर में हालात ठीक न होने के कारण कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी गयी। उन्होंन आश्वस्त किया कि अगली बार दौरे की परमीशन दी जायेगी।उन्होंने कहा कि हम जिम्मेदार नागरिक है जिलाधिकारी के फैसले का सम्मान करते है लेकिन यह उम्मीद करते है कि जिलाधिकारी अपना वादा पूरा करेंगे। अब हम उनके कमिटमेंट पर ही प्रस्ताव देंगे। रहा सवाल कार्यक्रम न होने का तो हम सभी दुखी है। हमने अपना विरोध एसडीएम को ज्ञापन सौंप दर्ज करा दिया है। कार्यक्रम करने से रोकना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बैन और लोकतंत्र की हत्या के समान है।
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