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जीवित मृतकों सम्बन्धी सरकार के कदम की मृतक संघ ने की सराहना


आजमगढ़। 'जिन्दा को मुर्दा दिखाना नहीं होगा आसान' के माध्यम से राजस्व अभिलेखों में साजिश कर जीवित व्यक्तियों को मृतक किये जाने पर रोक लगाने सम्बन्धी सरकार द्वारा उठाये गये कदम की मृतक संघ के अध्यक्ष लालबिहारी मृतक ने सराहना करते हुए सरकार को बधाई दी है।
मृतक संघ के अध्यक्ष लाल बिहारी मृतक ने बताया कि नायब तहसीलदार सदर द्वारा मुकदमा नंबर 298 में 30 जुलाई 1976 को उन्हें जीवित रहते हुए राजस्व अभिलेखों  में मृत घोषित कर दिया गया था। खुद को जीवित करने के लिए 18 वर्षों तक संघर्ष करना पड़ा 30 जून 1994 ई0 को वे अभिलेख में जीवित हो सके। उन्होंने अपने संघर्ष के अनुभव से मृतक संघ की स्थापना कर धोखा धड़ी, साजिश व भरस्टाचार  के चलते हजारों ऐसे जीवित मृतकों को न्याय दिलाकर समाज में उनके सम्मान स्वाभिमान को वापस दिलाया। 40 वर्षों बाद  भी  अधिनियम में जीवित मृतक प्रकरण को लेकर संशोधन कानून बनाये जाने पर हजारों लोगों को उनका खोया हुआ हक, मान सम्मान व स्वाभीमान बरकरार रह सकेगा।
उन्होंने भ्र्स्टाचार  मुक्त व स्वच्छ माहौल बनाकर सामाजिक न्याय, मानवाधिकार की रक्षा, जीविकोपार्जन को सुविधा जनक बनाने, जीवन रक्षा के समुचित प्रबन्ध, संविधान व न्यायालय के सम्मान की दिशा में किये जा रहे कार्य को सराहनीय बताते हुए प्रदेश सरकार को बधाई दी।
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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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