सरायमीर (आजमगढ़) संवाददाता 4 मार्च : आजमगढ़ जिले में प्रसिद्ध अग्रणी धार्मिक शैक्षणिक संस्था मदरसा अरबिया बैतुलउलूम, सरायमीर में 77 वें तीन दिवसीय वार्षिक जलसे का अंत मदरसा के नाजि़म मुफ्ती अब्दुल्लाह फूलपुरी की प्रार्थना से हुआ। तीसरे दिन की जलसे में मौलाना महमूद मदनी ने संबोधित किया और कहा कि हमारी मृत्यु का समय निर्धारित किया है, लेकिन कब आएगी यह हमें नहीं पता, खलीफा हारून रशीद के बच्चों को एक बार ईद के कपड़े नहीं उपलब्ध नहीं हुए वेतन की राशि समाप्त हो चुकी थी, पत्नी ने सुझाव दिया कि एक काम कीजिए अग्रिम राशि ले लीजिए, खलीफा ने खाजि़न को यह बात बताई तो उसने कहा कि खलीफा आप लिख कर दीजिए कि अगले महीने तक जीवित रहेंगे, खलीफा लाजवाब हो गए, इसलिए दुनिया में किए गए कार्यों को हम इस सिद्धांत से देखें कि यह हमारी मंजिल नहीं है क्योंकि यह दुनिया एक सवारी की तरह है जो हमें हमारी मंजिल तक पंहुचती है। इस तीन दिवसीय जलसे में पहले दिन 2 तारीख दिन बुधवार को महिलाओं के लिए विशेष सम्मेलन आयोजित हुआ था जिसमें में हजरत मुफ्ती मुहम्मद फूलपूरी ने इस विशेष कार्यक्रम में संबोधित किया। गुरुवार को बाद नमाजे जोहर मुफ्ती अब्दुल्लाह फूलपूरी की अध्यक्षता में पत्रकारिता और राजनीति के विषय पर एक बैठक आयोजित की गई थी जिसमें देश-मिल्लत के विभिन्न मशहूर सामाजिक, राजनीतिक व पत्रकार हस्तियों की भागीदारी हुई जिसमें में वक्ताओं ने विभिन्न शैली में राजनीति व पत्रकारिता के स्वार्थों और उनके करने के कारणों पर विस्तृत प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि यह मजलिस आत्मनिरीक्षण की मजलिस है सामाजिक समस्याओं के समाधान व विचार करने की मजलिस है किसी पार्टी से इसका कोई संबंध नहीं है। वर्तमान राजनीति की खाई मामूली सीमा से बढ़ गई है इस संबंध में कुछ कमी सरकार की है और कुछ हम लोगो की , लेकिन हम सब का दायित्व है कि हम सब मानवता, सहिष्णुता, भाईचारा, प्यार और हमदर्दी और धार्मिक भेदभाव से ऊपर उठकर समानता और बराबरी की कल्पना की स्थापना करें इसका बेहतर फल निकलेगा, आधुनिक मीडिया जो कि विकास का कारक है का कर्तव्य है कि वह अपनी भूमिका निष्पक्ष और जवाबदेही के साथ निभाए इसी में देश की अखंडता बाकी रहेगी। राजनीति और पत्रकारिता के विषय पर इस कार्यक्रम में मुफ्ती अब्दुल्लाह ने अपने अध्यक्षीय भाषण ने अपील की है कि अहले देश को चाहिए कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति में शामिल हों और अपने समाज को हर तरह की बुराइयों से मुक्त करें. इस भव्य कार्यक्रम में जहां देश के प्रख्यात विचारक, नेताओं और सज्जन मौलाना अबू तालिब रहमानी कलकत्ता, मौलाना याकूब साहब बुलंद शहरी मुफ्ती मोहम्मद जाहिद साहब जामिया इस्लामिया अमरोहा, मौलाना रमजान साहब कासमी सादआबाद उम्मीदवार बसपा, अमीक जामेई कम्न्युष्ट पार्टी, मौलाना अब्दुल हमीद साहब कासमी उपाध्यक्ष राष्ट्रीय एकता दल, अरशद खान सपा राष्ट्रीय महासचिव आदि उपस्थित थे . जलसे के समापन के दिन बाद नमाज फज्र और 9 से 12 बजे विभिन्न धार्मिक सम्मेलन हुए। अन्त में जुमा की नमाज के बाद अंतिम बैठक में सैयद मौलाना महमूद मदनी व अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया और मदरसा के नाजि़म मुफ्ती अब्दुल्लाह फूलपूरी की बात और प्रार्थना से अंत हुआ।
सरायमीर : मानवता, सहिष्णुता, भाईचारा का सन्देश दे समाप्त हुआ जलसा
सरायमीर (आजमगढ़) संवाददाता 4 मार्च : आजमगढ़ जिले में प्रसिद्ध अग्रणी धार्मिक शैक्षणिक संस्था मदरसा अरबिया बैतुलउलूम, सरायमीर में 77 वें तीन दिवसीय वार्षिक जलसे का अंत मदरसा के नाजि़म मुफ्ती अब्दुल्लाह फूलपुरी की प्रार्थना से हुआ। तीसरे दिन की जलसे में मौलाना महमूद मदनी ने संबोधित किया और कहा कि हमारी मृत्यु का समय निर्धारित किया है, लेकिन कब आएगी यह हमें नहीं पता, खलीफा हारून रशीद के बच्चों को एक बार ईद के कपड़े नहीं उपलब्ध नहीं हुए वेतन की राशि समाप्त हो चुकी थी, पत्नी ने सुझाव दिया कि एक काम कीजिए अग्रिम राशि ले लीजिए, खलीफा ने खाजि़न को यह बात बताई तो उसने कहा कि खलीफा आप लिख कर दीजिए कि अगले महीने तक जीवित रहेंगे, खलीफा लाजवाब हो गए, इसलिए दुनिया में किए गए कार्यों को हम इस सिद्धांत से देखें कि यह हमारी मंजिल नहीं है क्योंकि यह दुनिया एक सवारी की तरह है जो हमें हमारी मंजिल तक पंहुचती है। इस तीन दिवसीय जलसे में पहले दिन 2 तारीख दिन बुधवार को महिलाओं के लिए विशेष सम्मेलन आयोजित हुआ था जिसमें में हजरत मुफ्ती मुहम्मद फूलपूरी ने इस विशेष कार्यक्रम में संबोधित किया। गुरुवार को बाद नमाजे जोहर मुफ्ती अब्दुल्लाह फूलपूरी की अध्यक्षता में पत्रकारिता और राजनीति के विषय पर एक बैठक आयोजित की गई थी जिसमें देश-मिल्लत के विभिन्न मशहूर सामाजिक, राजनीतिक व पत्रकार हस्तियों की भागीदारी हुई जिसमें में वक्ताओं ने विभिन्न शैली में राजनीति व पत्रकारिता के स्वार्थों और उनके करने के कारणों पर विस्तृत प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि यह मजलिस आत्मनिरीक्षण की मजलिस है सामाजिक समस्याओं के समाधान व विचार करने की मजलिस है किसी पार्टी से इसका कोई संबंध नहीं है। वर्तमान राजनीति की खाई मामूली सीमा से बढ़ गई है इस संबंध में कुछ कमी सरकार की है और कुछ हम लोगो की , लेकिन हम सब का दायित्व है कि हम सब मानवता, सहिष्णुता, भाईचारा, प्यार और हमदर्दी और धार्मिक भेदभाव से ऊपर उठकर समानता और बराबरी की कल्पना की स्थापना करें इसका बेहतर फल निकलेगा, आधुनिक मीडिया जो कि विकास का कारक है का कर्तव्य है कि वह अपनी भूमिका निष्पक्ष और जवाबदेही के साथ निभाए इसी में देश की अखंडता बाकी रहेगी। राजनीति और पत्रकारिता के विषय पर इस कार्यक्रम में मुफ्ती अब्दुल्लाह ने अपने अध्यक्षीय भाषण ने अपील की है कि अहले देश को चाहिए कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति में शामिल हों और अपने समाज को हर तरह की बुराइयों से मुक्त करें. इस भव्य कार्यक्रम में जहां देश के प्रख्यात विचारक, नेताओं और सज्जन मौलाना अबू तालिब रहमानी कलकत्ता, मौलाना याकूब साहब बुलंद शहरी मुफ्ती मोहम्मद जाहिद साहब जामिया इस्लामिया अमरोहा, मौलाना रमजान साहब कासमी सादआबाद उम्मीदवार बसपा, अमीक जामेई कम्न्युष्ट पार्टी, मौलाना अब्दुल हमीद साहब कासमी उपाध्यक्ष राष्ट्रीय एकता दल, अरशद खान सपा राष्ट्रीय महासचिव आदि उपस्थित थे . जलसे के समापन के दिन बाद नमाज फज्र और 9 से 12 बजे विभिन्न धार्मिक सम्मेलन हुए। अन्त में जुमा की नमाज के बाद अंतिम बैठक में सैयद मौलाना महमूद मदनी व अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया और मदरसा के नाजि़म मुफ्ती अब्दुल्लाह फूलपूरी की बात और प्रार्थना से अंत हुआ।

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