भारतीय नेवी के जवानों ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर ,देशप्रेम के नारे के साथ शवयात्रा में शामिल हुए सैकड़ो लोग
आजमगढ़: तिरंगे में लिपटे भारतीय तटरक्षक बल के जवान धनंजय सिंह का पार्थिव शरीर सोमवार को उनके घर जीयनपुर के मेघई पहुंचते ही गांव में सन्नाटा पसर गया और घर पर कोहराम मच गया। परिवार के सदस्यों का रो-रो कल बुरा हाल हो रहा था। भारतीय तटरक्षक बल के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया। भारत माता की जयकारे के बीच शव यात्रा निकाली गई। सामाजिक और राजनीतिक दलों के लोगों ने जवान को श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। देर शाम दोहरीघाट स्थित श्मशान घाट पर उनके छोटे पुत्र ने मुखाग्नि दी। जीयनपुर कोतवाली के मेघई खास निवासी धनंजय सिंह सन 2000 में भारतीय तटरक्षक बल में गोवा में भर्ती हुए थे। वर्तमान समय में वह केरल प्रदेश के कोच्चिपुर में तैनात थे। पत्नी सविता सिंह और बड़ा लड़का सूर्यांश उनके साथ ही रहते थे। पत्नी सविता के भाई भदीला गोरखपुर निवासी विवेक की 30 नवंबर को तिलक होने थी। धनंजय सिंह गोरखपुर जाने के लिए 26 नवंबर को अपनी पत्नी को स्कूटी से एयरपोर्ट छोड़ने जा रहे थे। एयरपोर्ट के कुछ दूर पहले ही चार पहिया वाहन ने स्कूटी में टक्कर मार दिया। इस हादसे में धनंजय सिंह और उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई। पहले इन लोगों को नेवी के अस्पताल में भर्ती कराया गया गंभीर स्थिति देख नेवी के लोगों ने निजी चिकित्सालय में इलाज के लिए दाखिल कर दिया। इलाज के दौरान 29 नवंबर को तटरक्षक धनंजय की मौत हो गई जबकि पत्नी का अभी इलाज चल रहा है। पिता सुधाकर सिंह काका की पहली निधन हो चुका है। चार भाइयों संजय सिंह, अनुज सिंह, राजीव सिंह में धनंजय दूसरे नंबर पर थे। सोमवार को अपराह्न भारतीय तटरक्षक के जवान पार्थिव शरीर लेकर गांव पहुंचे तरफ सन्नाटा हो गया। उनकी माता उर्मिला देवी, भाई राजीव सिंह, संजय सिंह और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पूरा गांव फफक कर रो पड़ा। वहीं भारतीय तटरक्षक की मौत की खबर सुनते ही सुबह से ही उनके घर पर सामाजिक और राजनीतिक दलों के लोगों के आने का तांता लगा रहा। भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अरविंद कुमार जायसवाल, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि मनीष कुमार मिश्रा, भाजपा के संतोष कुमार सिंह, वंश बहादुर सिंह, प्रवीण कुमार सिंह, चंद्रशेखर सिंह, अजय कुमार सिंह, श्रवण सिंह, मनोज कुमार श्रीवास्तव ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर जवान को श्रद्धांजलि दी।
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