साइबर क्राइम थाना पुलिस ने की कार्रवाई, अभियुक्त से लैपटॉप, मोबाइल और फर्जी मोहर बरामद
आजमगढ़: पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया है, जिसने पुलिस अधीक्षक और थाना मेहनगर की फर्जी मोहर व हस्ताक्षर का उपयोग कर कूटरचित नोटिस तैयार किया था। अभियुक्त की पहचान प्रशांत सिंह (28 वर्ष), पुत्र उदयनारायण सिंह, निवासी ग्राम ठोठीया, थाना मेहनगर, आजमगढ़ के रूप में हुई है। उसके पास से एक लैपटॉप, मोबाइल और थाना मेहनगर की फर्जी मोहर बरामद की गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार के निर्देश पर साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत, नोडल अधिकारी साइबर क्राइम विवेक त्रिपाठी और क्षेत्राधिकारी साइबर क्राइम आस्था जायसवाल के नेतृत्व में साइबर क्राइम थाना पुलिस ने यह कार्रवाई की। 15 अक्टूबर को रात करीब 9:30 बजे अभियुक्त को गोसाई बाजार स्थित उसकी दुकान, फिनो पेमेंट बैंक, से गिरफ्तार किया गया। मामला तब सामने आया जब ग्राम ठोठीया, थाना मेहनगर निवासी गुलाबचंद ने पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी कि 5 अक्टूबर को उन्हें और उनके भाइयों, सुभाषचंद व सतीशचंद को डाक से एक नोटिस मिला। नोटिस में दावा किया गया था कि सन्तोष पुत्र बंशु और सुनील पुत्र लालमनि कश्यप के प्रार्थना पत्र के आधार पर उनके खिलाफ मामला दर्ज है। नोटिस में पुलिस अधीक्षक के हस्ताक्षर और थाना मेहनगर की मोहर थी, जिसमें उन्हें पुलिस अधीक्षक के समक्ष उपस्थित होने या गिरफ्तारी का सामना करने की चेतावनी दी गई थी। साथ ही, गुलाबचंद के मोबाइल पर 22,492.30 रुपये जमा करने का फर्जी ओटीपी मैसेज भी भेजा गया। पूछताछ में अभियुक्त प्रशांत सिंह ने बताया कि उसने गुलाबचंद और सुनील कश्यप के बीच चल रहे जमीनी विवाद का फायदा उठाने की योजना बनाई। उसने अपने लैपटॉप पर पुलिस अधीक्षक और थाना मेहनगर की फर्जी मोहर बनाई और धारा 41(1) CrPC के तहत कूटरचित नोटिस तैयार किया। नोटिस को रंगीन प्रिंट कर पोस्ट ऑफिस से भेजा गया। प्रशांत ने बताया कि वह जानता था कि गुलाबचंद नोटिस मिलने पर उससे ही सलाह लेंगे। 5 अक्टूबर को गुलाबचंद ने नोटिस के बारे में बताया तो उसने अगले दिन उन्हें पुलिस कार्यालय ले जाने का वादा किया। 6 अक्टूबर को वह गुलाबचंद को पुलिस कार्यालय ले गया, जहां उसने बाहर खड़ा रखकर समय बिताया और अपने लैपटॉप से फर्जी पेमेंट मैसेज जनरेट कर गुलाबचंद के मोबाइल पर भेजा। उसका मकसद पैसे ऐंठने के साथ-साथ जमीनी विवाद में मध्यस्थता का लाभ उठाना था। गिरफ्तारी करने वाली टीम में निरीक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह (प्रभारी, साइबर क्राइम थाना), हेड कांस्टेबल ओमप्रकाश जायसवाल, कांस्टेबल सभाजीत मौर्य, एजाज खान, संजय और महिपाल यादव शामिल थे।
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