सीबीएसई बोर्ड के तत्वाधान में 'कैप्सिटी बिल्डिंग प्रोग्राम' के अंतर्गत हुआ आयोजन
आजमगढ़: दिनांक 17 सितंबर 2025 दिन बुधवार को करतालपुर स्थित जीडी ग्लोबल स्कूल में सीबीएसई बोर्ड के तत्वाधान में 'कैप्सिटी बिल्डिंग प्रोग्राम' के अंतर्गत दो द्विवसीय "स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस प्रोग्राम" की कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का प्रारंभ विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती दीपाली भुस्कुटे ने कार्यशाला प्रशिक्षिका प्रथम श्रीमती अंजू दूबे प्रधानाचार्या एंबीशन स्कूल वाराणसी एवं डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग कोर्डिनेटर वाराणसी तथा कार्यशाला प्रशिक्षिका द्वितीय डाॅ शिल्पा शर्मा पीजीटी सनबीम सनसिटी के साथ माॅ शारदे की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से किया। दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात विद्यालय के संगीत शिक्षकों द्वारा सुंदर गणेश वंदना एवं भजन की प्रस्तुति दी गयी। कार्यशाला की प्रशिक्षिकाओं ने विद्यार्थियों के मध्य किशोरावस्था में आने वाली चुनौतियों एवं उनके समाधान पर विभिन्न क्रियाविधियों का क्रियान्वयन कराया तथा साथ ही साथ उनकी काउंसिलिंग के सूक्ष्मतम तरीकों से भी अवगत कराया। उन्होने बताया कि विद्यालय की कार्यशालाओं के आयोजन से शिक्षक अधिक सर्जनात्मक और उर्जावान बनते हैं तथा उन्हें कागजी कार्यवाही के बजाय छात्र पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अधिक समय मिलता है। नयी-नयी शिक्षण तकनीकियों द्वारा बच्चों का सर्वांगीण विकास बहुत ही सहजता के साथ किया जा सकता है।कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञों ने संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, योग और ध्यान की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। साथ ही तनाव प्रबंधन, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के उपाय भी साझा किए गए।उन्होंने शिक्षकों को व्यावहारिक गतिविधियों जैसे योग सत्र, प्राणायाम, इंटरैक्टिव चर्चा और हेल्दी रेसिपी डेमो के माध्यम से जागरूक किया गया। सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और स्वस्थ जीवन जीने के लिए संकल्प लिया। कार्यशाला में विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती दीपाली भुस्कुटे ने इस अवसर पर कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएँ लोगों को स्वस्थ शरीर, शांत मन और संतुलित जीवनशैली की ओर प्रेरित करती हैं और समाज में स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देती हैं। कार्यशाला के अंत में विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक जी.के. त्रिपाठी ने कक्षा के विद्यार्थियों को शिक्षण कक्षाओं में एक्टिव रहने के कई तरीकों का साझा करते हुए उन्हें बच्चों में किशोरावस्था में आने वाले शारीरिक और मानसिक परिवर्तनों से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को कक्षा में क्रियाशील रखने के लिए समय प्रबंधन, बच्चों की क्रियाविधि में भागीदारी, एक दूसरे के विचारों का सम्मान, उनकी प्रतिपुष्टि आदि बहुत आवश्यक है। इस कार्यशाला में कुल साठ शिक्षक-शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया।
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