विकास कार्यों में लापरवाही और वित्तीय अनियमितता पर की सख्त कार्रवाई
विभागों को रैकिंग में सुधार लाने का निर्देश दिया
आजमगढ़: जिलाधिकारी रविंद्र कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में सीएम डैशबोर्ड के तहत विकास कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में बी, सी, डी और ई ग्रेड प्राप्त करने वाले विभागों की प्रगति की गहन समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने विकास कार्यों में लापरवाही और वित्तीय अनियमितता पर सख्त रुख अपनाते हुए तीन ग्राम पंचायत सचिवों को तत्काल निलंबित करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने उपायुक्त उद्योग को निर्देश दिया कि ओडीओपी योजना के तहत बैंकों में लंबित ऋण आवेदनों का बैंकवार/ब्रांचवार विवरण तैयार कर यथाशीघ्र निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए लाभार्थियों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं का समाधान करने और योजना के लाभों को दशार्ने वाला पंपलेट तैयार करने का निर्देश दिया। साथ ही, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में मार्जिन मनी का शत-प्रतिशत वितरण सुनिश्चित करने को कहा। जिलाधिकारी ने जल निगम ग्रामीण के अधिशासी अभियंता को हर घर नल योजना में कनेक्शन की प्रगति बढ़ाने और रैकिंग में सुधार लाने के निर्देश दिए। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत अधिक आवेदन वाली नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं में वेंडरों के माध्यम से त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया। खराब प्रगति वाली एजेंसियों, विशेष रूप से गाजा और जीए इन्फ्रा, के खिलाफ शासन को पत्र लिखने का निर्देश भी दिया गया। बैठक में पाया गया कि लालगंज विकासखंड के ग्राम पंचायत सचिव अवधेश कुमार सिंह ने प्राप्त धनराशि पर शून्य व्यय किया। फूलपुर के सचिव शैलेंद्र और पवई के सचिव संजय कुमार द्वारा भी वित्तीय अनियमितताएं पाई गईं। जिलाधिकारी ने तीनों को तत्काल निलंबित करने का निर्देश मुख्य विकास अधिकारी को दिया। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में 27 परियोजनाओं पर कार्य शुरू नहीं हुआ है, जिनमें से 20 पर तत्काल कार्य शुरू करने को कहा गया। पूर्ण हो चुकी 17 परियोजनाओं को 15 दिनों के भीतर छोटी-मोटी कमियों को दूर कर संबंधित विभागों को हैंडओवर करने का निर्देश दिया। 50 करोड़ से अधिक की चार परियोजनाओं पर भी कार्य शुरू करने का आदेश दिया गया, हालांकि गोलाघाट पर सेतु निगम का कार्य वर्षा के बाद शुरू होगा। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को आईजीआरएस शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध निस्तारण करने, रैंडम वेरिफिकेशन करने, और कार्यालय में समय से उपस्थित होने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों की उपस्थिति और फील्ड विजिट का विवरण रजिस्टर में अनिवार्य रूप से अंकित हो। निरीक्षण में कमी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने ए और ए प्लस ग्रेड वाले विभागों को प्रगति बनाए रखने और बी, सी, डी, ई ग्रेड वाले विभागों को रैकिंग में सुधार लाने का निर्देश दिया। किसी भी समस्या की स्थिति में स्वयं अवगत कराने को कहा, अन्यथा कार्य में रुचि न लेने का माना जाएगा। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी परिक्षित खटाना, मुख्य राजस्व अधिकारी संजीव ओझा, परियोजना निदेशक, जिला विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह, डीसी मनरेगा, एलडीएम, पीडब्ल्यूडी सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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