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आजमगढ़: सिम धोखाधड़ी व अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चलाने वाला गिरफ्तार


रानी की सराय पुलिस और एटीएस वाराणसी की टीम को मिली कामयाबी

04 सिम बाक्स, 03 मॉडम,269 मोबाइल सिम कार्ड बरामद

आजमगढ़: दिनांक 22.04.2025 को थाना रानी की सराय व एटीएस वाराणसी की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा सिम धोखाधड़ी व अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चलाये जाने तथा अंतर्राष्ट्रीय वीओआईपी (VOIP) कॉल को परिवर्तित करने वाले अभियुक्त हस्सान अहमद पुत्र अबुल कैश निवासी कोटिला थाना रानी की सराय जनपद आजमगढ़ को गिरफ्तार किया गया जिनके कब्जे से टेलीफोन एक्सचेन्ज से सम्बन्धित उपकरण 04 सिम बाक्स, 03 मॉडम मय चार्जर, 04 इथर नेट केबल, 02 लैपटाप चार्जर, 04 कीपैड मोबाइल फोन, 02 एड्रायड मोबाइल फोन, 269 मोबाइल सिम कार्ड, बरामद किया गया।
एटीएस आजमगढ़/वाराणसी की टीम द्वारा थाना क्षेत्र रानी की सराय में कोटिला गॉव के पास सिम बाक्स चलाये जाने की सूचना प्राप्त हुयी थी सिम बाक्स एक अवैध टेलीफोन एक्सचेन्ज की तरह संचालित किया जाता है, जिसके द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वीओआईपी (VOIP) कॉल को लोकल वाइस कॉल (Voice Call) मे परिवर्तित कर सरकार को राजस्व की हानि पहुँचायी जा रही है, जिससे भारत सरकार को बडे पैमाने पर राजस्व की हानि हो रही है । वीओआईपी (VOIP) कॉल करने वाले व्यक्ति की पहचान छुपी रहती है तथा कॉल करने वाले व्यक्ति को ट्रेस करना कठिन हो जाता है । आज दिनांक 22.04.2025 को समय 11.50 बजे कोटिला गांव से अभियुक्त हस्सान अहमद पुत्र अबुल कैश निवासी कोटिला थाना रानी की सराय जनपद आजमगढ़ के घर से अवैध टेलीफोन एक्सचेन्ज चार सिम बॉक्स मय सहवार्ती उपकरण 04 सिम बाक्स, 03 मॉडम मय चार्जर, 04 इथर नेट केबल, 02 लैपटाप मय चार्जर, 04 कीपैड मोबाइल फोन, 02 एड्रायड मोबाइल फोन, 269 मोबाइल सिम कार्ड, बरामद के बरामद हुआ जिसके सम्बन्ध मे थाना स्थानीय पर मु.अ.स. 115/25 धारा-318(4),319(2) बीएनएस, धारा-3/6 इण्डियन वायरलेस टेलीग्राफी एक्ट 1933, धारा- 42(1)/42(3)(ग)(ड़)(च) दूर संचार अधिनियम 2023 पंजीकृत किया गया ।
पूछताछ मे अभियुक्त हस्सान अहमद पुत्र अबुल कैश द्वारा बताया गया कि मै वर्ष 2017 मे बम्बई मे रहने के दौरान शहजाद नाम के एक व्यक्ति से मिला उसके कहने पर वर्ष-2023 के सितम्बर महीने में उसके द्वारा डीटीडीसी कोरियर से भेजे गये सिम बॉक्स व सिम को उसके द्वारा IMO पर बताने के अनुसार मैने सिम बॉक्स चलाना शुरू किया अलग- अलग समय पर और सिम बॉक्स व सिम भेजता गया और मै उसके बताने के अनुसार मै चार सिम बॉक्स चला रहा था जिसका मुझे समय समय पर उसके द्वारा अलग-अलग खातों से पैस यूपीआई के माध्यम से मुझ पैसा भेजा जाता था तथा सिम बॉक्स संचालित करने के लिए शहजाद द्वारा मुझे सिम बॉक्स की आई पी भेजी जाती थी उसने मुझे एक आई डी व पासवर्ड दिया था सिम बॉक्स के माध्यम से फोन करने वाले व्यक्ति के बारे में किसी भी तरीके से पता नही किया जा सकता है कि काल किसने किया है, इस बात की जानकारी हमें थी और हम यह जानते थे की इसी बात के लिए हमें एक्सट्रा पैसे मिलते है । अभियुक्त को गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक रानी की सराय सुनील कुमार सिंह मय हमराह और निरीक्षक भारत भूषण तिवारी एटीएस ईकाई आजमगढ़/वाराणसी रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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