बड़ा गणेश मंदिर में सुबह से देर रात तक जमे रहे श्रद्धालु, लगता रहा जयकारा
माताओं ने दिन भर रखा निराजल व्रत, रात में किया अघ्र्यदान
आजमगढ़: सुबह हल्का कोहरा और उसके बाद से खिली चटख धूप ने ठिठुरन दूर कर दी तो माताओं के चेहरे पर भी ठंड को लेकर शिकन के भाव समाप्त हो गए थे। मौका था गणपति की आराधना का विशेष दिन गणेश चतुर्थी का। बेटे के दीर्घायु के लिए जिले भर में शुक्रवार को लोगों ने गणपति को नमन कर सुख-समृद्धि की कामना की। शहर के लालडिग्गी स्थित प्राचीन बड़ा गणेश मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ दर्शन को उमड़ पड़ी तो घर-घर में एक दंत दयावंत चार भुजाधारी की स्तुति की गई। माघ मास की चतुर्थी को मनाए जाने वाले गणेशोत्सव पर महिलाओं ने व्रत रखा और रात में गणपति की पूजा के बाद चंद्र को अघ्र्यदान कर पारण किया। उसके बाद अपने लोगों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। पूजा के निमित्त सुबह से ही घरों में साफ-सफाई का काम शुरू हो गया था। शाम को स्नान के बाद महिलाओं ने घरों में तिल और गुड़ के लड्डू बनाए और फल-फूल के साथ पूजा की थाली सजाई। इसके बाद लालडिग्गी बांध स्थित बड़ा गणेश मंदिर की ओर जाना शुरू हो गया। मंदिर के आसपास खिलौना-गुब्बारा बेचने वालों ने अपनी दुकानें लगा रखी थीं। मंदिर में भोर से सुबह 10 बजे तक भगवान का अभिषेक व श्रृंगार के बाद आरती की गई। उसके बाद ब्राह्मïणों को भोजन व दक्षिणा देने के साथ भंडारा शुरू हो गया। रात में 8.47 बजे चंद्रोदय के बाद सभी को मेवे का शरबत और जो व्रती नहीं थे उनके लिए भंडारे की व्यवस्था की गई थी। देर रात तक प्रसाद का वितरण शयन आरती के साथ आयोजन को विराम दिया गया। उधर इस पर्व की तैयारियों में बाजार में शक्रवार को भारी भीड़ रही। सडक़ किनारे भेली, तिलकुट, गंजी, केला, गाजर, बेर, अमरूद के साथ ही कच्ची मिट्टी से बनी भगवान गणेश की प्रतिमा बेचने वाले बैठे हुए थे।
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