आजमगढ़: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आव्हान पर ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ पूर्वान्चल एवं दक्षिणान्चल विद्युत वितरण कम्पनियों के निजीकरण हेतु प्री बिडिंग कान्फ्रेन्स के विरोध में प्रदेश व्यापी आन्दोलन के तहत जनपद-आजमगढ़ के विद्युत कर्मचारियों, विद्युत अभियन्ताओं एवं संविदा कर्मियों ने आज वृहस्पतिवार दिनांक 23 जनवरी 2025 को बाँहों पर काली पट्टी बाँधकर विभागीय कार्य सम्पादित किया तथा भोजन अवकाश के समय हाइडिल कार्यालय, सिधारी, आजमगढ़ के बाहर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। निजीकरण विरोधी नारे लगाते हुए ऊर्जा क्षेत्र का निजीकरण किसी भी हालत में नहीं होने देंगे। सरकार को चेताया कि निजीकरण से भयानक दुष्परिणाम होंगे। प्रभु नारायण पाण्डेय प्रेमी, संयोजक. विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, आजमगढ़ ने कहा कि आज लखनऊ में कन्सल्टेन्ट नियुक्ति हेतु होने वाली प्री बीडिंग कान्फ्रेन्स का तीव्र प्रतिकार विरोध प्रदर्शन के द्वारा किया जा रहा है। ऊर्जा प्रबन्धन बड़े पूँजीपतियों / उद्योगपतियों से साँठ-गाँठ कर प्राइवेट कम्पनियों को बिजली से अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के लिए बिजली का निजीकरण करने पर आमादा है तथा औद्योगिक अशान्ति का माहौल बनाये हुए है। सैयद मुनौव्वर अली, बिजली कर्मचारी नेता ने कहा कि कन्सल्टेन्ट कारपोरेट घरानों से होते हैं, और कन्सल्टेन्ट ऐसा आर०एफ०पी० डाक्यूमेन्ट तैयार करते हैं, जो सम्बन्धित कारपोरेट घरानों को माफिक हो। यह एक प्रकार से मिली भगत का खेल है, जिसको रोका जाना ऊर्जा क्षेत्र के हित में आवश्यक है। बिजली सस्ती होनी चाहिए और यह सार्वजनिक प्रतिष्ठानों से ही सम्भव है। ऊर्जा क्षेत्र का निजीकरण गरीब जनता को पुनः "लालटेन युग में लाने, विद्युत उपभोक्ताओं का आर्थिक शोषण करने, बेरोजगारी को बढ़ावा देने, प्रदेश के विकास में अवरोध उत्पन्न करने का कुचक्र है। सभा की अध्यक्षता ई० उपेन्द्र नाथ चौरसिया ने की तथा सम्बोधन मुख्य रूप से श्री प्रुभ नारायण पाण्डेय 'प्रेमी', ई० रवि अग्रवाल, ई० उपेन्द्र नाथ चौरसिया, ई० ईशान दत्त मिश्रा, ई० विक्रम वीर सिंह, सैयद मुनौव्वर अली, धर्मू प्रसाद यादव, रोशन यादव, नीरज त्रिपाठी, अशेष सिंह आदि ने सम्बोधित ने सम्बोधित किया तथा संचालन प्रभु नारायण पाण्डेय "प्रेमी" ने किया।
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