संघ ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेज विभिन्न मांगे रखीं
आजमगढ़: पश्चिम बंगाल प्रांत के कोलकाता स्थित एक मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट की छात्रा के साथ वहशी दरिदगों द्वारा बलात्कार कर हत्या किए जाने की घटना बेहद शर्मनाक है। इस घटना से समूचे चिकित्सकीय जगत के साथ-साथ उत्तर प्रदेश अभिभावक महासंघ भी स्तब्ध और आक्रोशित हैं। ऐसे अपराध को रोकने के लिए आज तक व्यापक कदम नहीं उठाए गए हैं, इसी कारण आज देश ने न सिर्फ एक भावी चिकित्सक खोया बल्कि एक परिवार ने अपने जीवन का आसरा हीं खो दिया। इसके साथ ही ऐसे कई परिवार जो अपने बेटियों को चिकित्सक बनाने के लिए महानगरों में शिक्षा-दीक्षा के लिए भेजे है, उनके सामने विकट संकट खड़ा हो गया है। अब सरकार से गुजारिश है कि चिकित्सकीय सेवा से जुड़ी महिलाओं के साथ-साथ हर महिलाओं के लिए कठोर कानून बनाकर प्रत्येक युवतियों के परिवार को उनके सुरक्षा का भरोसा दिलाना होगा। ऐसे में उत्तर प्रदेश अभिभावक महासंघ ने भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को डीएम के माध्यम से ज्ञापन भेज कर मांगे की है कि घटना के दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और त्वरित सुनवाई कर अधिकतम सजा दिलाएं, डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों को सभी प्रकार के अत्याचारों से बचाने के लिए केंद्रीय कानून बनाएं, सभी स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों को विशेष संरक्षित क्षेत्र घोषित करें। भारत में कहीं भी काम करने वाले मेडिकल छात्रों और सभी आधुनिक चिकित्सा डॉक्टरों की सुरक्षा से संबंधित सख्त नियमों को लागू करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद को सशक्त बनाया जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में संघ के प्रदेश महासचिव गोविंद दूबे, प्रयास संस्था के सचिव ई० सुनील यादव, विनीत सिंह रिशु आदि रहे।
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