जनसेवा केंद्र संचालक और उसी के परिवार के एक सदस्य शामिल
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में पूछताछ को ले गई टीम
आजमगढ़ : रायबरेली जिले के सलोन विकास खंड में ग्राम पंचायत अधिकारी की मिलीभगत से फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी करने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि शुक्रवार को लखनऊ एटीएस ने सीएमओ कार्यालय में छापेमारी कर (डेथ वर्क एकाउंटेंट) जन्म व मृत्यु प्रमाण जारी करने वाली कंप्यूटर आपरेटर अनीता यादव व जनसेवा केंद्र संचालक नन्हें और उसी के परिवार के शिवानंद को पूछताछ के लिए उठाया। एटीएस के पहुंचते ही कार्यालय में हडकंप मच गया।अधिकारियों ने आशंका जताई की कहीं न कहीं गलत लोगों को फर्जी जन्म व मृत्यु प्रमाण जारी किया गया होगा। एटीएस अधिकारी ने बताया कि फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने का खेल उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक फैला है। सीएमओ आफिस में तैनात कंप्यूटर आपरेटर अनिता यादव ने गलत तरीके से जनसेवा केंद्र संचालक को अपनी आइडी और पासवर्ड दे दिया, जिसके माध्यम से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र विभाग से जारी किया जा रहा है। इनका नेटवर्क कई अन्य राज्यों मेें भी मिल रहा है। रायबरेली प्रकरण की जांच में यह भी बातें सामने आईं थी कि आतंकी संगठनों से जुड़े सदस्यों के भी फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए थे। जिसमें आजमगढ़ से इसी तरह के लिंकेज सामने आने पर यह छापेमारी की गई है।हालांकि, अभी तक तीनों से पूछताछ की जा रही है। वहीं आफिस के कंप्यूटर कक्ष को सील कर दिया गया है। एटीएस की छापेमारी को पूरी तरह सर्तकता बरतते हुए अधिकारियों ने इसे गुप्त रखा है तो पुलिस के अधिकारियाें को छापेमारी की भनक तक नहीं लगने दी। सीएमओ डा.अशोक कुमार ने बताया कि अनीता यादव (डेथ वर्क एकाउंटेंट) कंपनी के माध्यम से संविदा पर कार्य करती हैं। दोपहर लगभग तीन बजे एटीएस टीम द्वारा सूचना दी गई कि फर्जी जन्म प्रमाण जारी करने के सिलसिले में पूछताछ के लिए अनीता यादव को ले जाया जा रहा है। पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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