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आजमगढ़: सड़क नहीं परिसर में ही खड़ी हों रोडवेज की बसें: मंडलायुक्त


आजमगढ़ रोडवेज के पीछे की सड़क को चौड़ी कराने के निर्देश

एंबुलेंस के दुर्घटना स्थल पर पहुंचने के समय की होगी जांच

आजमगढ़: मंडलायुक्त मनीष चौहान ने आयुक्त सभागार में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में विभागवार अधिकारियों से जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने रोडवेज की बसों को बस अड्डा परिसर में खड़ी करने के बजाए सड़कों पर खड़ी करने पर नाराजगी व्यक्त की। क्षेत्रीय प्रबंधक रोडवेज को निर्देशित किया कि बसें परिसर के अंदर ही खड़ी होनी चाहिए। यदि परिसर में जगह कम है तो बसों को अत्यंत कम समय तक खड़ी करने के लिए निश्चित स्थल चिह्नित करें लेकिन सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दशा में जाम की स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिया कि आजमगढ़ रोडवेज के पीछे की सड़क को और चौड़ी कराएं जिससे निकट के चौराहों पर लगने वाले जाम से छुटकारा मिल सके। मंडलायुक्त ने कहा है कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हर स्तर पर निरंतर लोगों को जागरूक किया जाए। सड़क सुरक्षा को देखते हुए यातायात के नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पूर्व में आजमगढ़ में चिह्नित 21 ब्लैक स्पाट में जिस एक पर अभी कार्य नहीं हुआ है, उसे तत्काल पूरा करें। मऊ में चिह्नित 10 में नौ पर और बलिया में चिह्नित 11 ब्लैक स्पाट में आठ पर कार्य हुआ है। उन्होंने निर्देश दिया कि शेष चिह्नित ब्लैक स्पाट पर कार्य के लिए धनराशि आवंटित कराकर शीघ्र कार्य पूर्ण कर लिया जाए। कहा कि नियमित रूप से चेकिंग कर दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिवार्यता सुनिश्चित कराई जाए। कहा कि जनपद भ्रमण के दौरान प्रायः देखा जाता है कि बहुत ही कम दोपहिया वाहन चालक हेलमेट तथा चारपहिया वाहन चालक सीटबेल्ट का प्रयोग करते हैं। यह सुरक्षित यातायात की दृष्टि से किसी भी दशा में उचित नहीं है। उन्होंने पुलिस एवं परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि हाई-वे पर नियमित रूप से चेकिंग कर हेल्मेट एवं सीटबेल्ट की अनिवार्यता को सुनिश्चित करें। वाहनों पर ओवरलोडिंग को भी सख्ती से रोका जाए। ओवर स्पीड के प्रति भी लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए। एडी स्वास्थ्य ने बताया कि दुर्घटना होने पर मंडल के जिलों में पर्याप्त संख्या में एंबुलेंस उपलब्ध हैं और जिलों में इसके लिए चिकित्सक भी नामित हैं। सीडीओ परीक्षित खटाना, एएसपी यातायात संजय कुमार, उप परिवहन आयुक्त वाराणसी जोन भीमसेन सिंह, संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन राधे श्याम, संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन आरएन चौधरी, क्षेत्रीय प्रबंधक रोडवेज मनोज कुमार वाजपेयी, एआरटीओ आजमगढ़ सत्येंद्र कुमार यादव, मऊ सुहेल अहमद व बलिया अरुण कुमार राय, ब्रांच मैनेजर नेशनल इंश्योरेंस बद्री प्रसाद सहित अन्य विभागों के अधिकारी व परिवहन से संबंधित यूनियन के पदाधिकारी उथे।
मंडलायुक्त ने आरटीओ और तीनों जिलों के एआरटीओ को निर्देश दिया कि एंबुलेंस के दुर्घटना स्थल पर पहुंचने, घायलों को ट्रामा सेंटर तक समय से पहुंचाने, ट्रामा सेंटर में हुए कुल इलाज आदि की वास्तविक स्थिति जानने के लिए ट्रामा सेंटरों पर जाकर जांच करें और दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में भी बताएं। इसके अलावा चिह्नित ब्लैक स्पाट को भी देखें और चेक करें।
अनजान वाहनों से दुर्घटना होने पर पीड़ित या उनके परिवार को मुआवजा दिए जाने के कई प्रकरण में उपजिलाधिकारियों के स्तर जांच लंबित रहने के कारण भुगतान कार्रवाई विगत वर्षों से लंबित बताई गई। मण्डलायुक्त निर्देश दिया कि तत्काल जिलाधिकारी से संपर्क कर वस्तुस्थिति से अवगत कराएं तथा जांच की कार्रवाई पूर्ण कराते हुए भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
मंडलायुक्त ने कहा कि सड़क पर बालू, गिट्टी, मोरंग आदि रखे जाने के कारण जहां यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है, वहीं यह दुर्घटना के कारण भी बनते हैं। इसलिए इसे हटवाया जाय। फुटपाथ पर कब्जे के कारण प्रायः जाम लगा रहता है। इसलिए नगर पालिका के साथ मिलकर फुटपाथों को कब्जामुक्त कराया जाए।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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