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आजमगढ़: लोक अदालत एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र है - जिला जज



राष्ट्रीय लोक अदालत में 82338 बाद निस्तारित हुए, रु० 140186623/- धनराशि का सेटलमेंट हुआ

आजमगढ़: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ द्वारा जनपद न्यायाधीश श्री संजीव शुक्ला की अध्यक्षता में दिनांक 09-12-2023 दिन शनिवार को प्रातः 10:30 बजे से जनपद न्यायालय परिसर आजमगढ़ में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय श्री अचल सचदेव, मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी श्री अजय कुमार सिंह, मुख्य राजस्व अधिकारी श्री विनय कुमार गुप्ता, न्यायिक अधिकारीगण, बैंक पदाधिकारीगण उपस्थित रहे। राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश श्री संजीव शुक्ला द्वारा दीप प्रज्जवलित करके तथा वाग्देवी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया गया। जनपद न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत आम आदमी के लिए उपलब्ध एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र है, जिसके माध्यम से विवाद का निपटारा निःशुल्क व त्वरित किया जाता है। लोक अदालत में दिया गया फैसला अन्तिम होता है, उसके खिलाफ किसी उपरी न्यायालय में अपील नहीं होती हैं। लोक अदालत में दिये गये फैसले सुलह-समझौते के आधार पर होते हैं इसलिए पक्षकारों के बीच मतभेद भी समाप्त हो जाते है। इसमें न कोई जीतता है और न ही कोई हारता है। लोक अदालत में निस्तारण हेतु कुल 115633 वाद चिन्हित किये गये थे, जिसमें कुल 82338
वाद निस्तारित हुए तथा रु० 140186623/- धनराशि का सेटलमेंट हुआ। 65167 राजस्व वाद, 15943 दीवानी व फौजदारी वाद, 1185 बैंक रिकवरी वाद आदि लोक अदालत में निस्तारित हुए। जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ द्वारा कुल 12 वादों का निस्तारण किया गया। श्री अचल सचदेव, प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय द्वारा 58 वादों का, श्री प्रेम शंकर, अपर प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय संख्या-01 द्वारा 35 वादों का, श्रीमती संदीपा यादव, अपर प्रधान न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय संख्या-02 द्वारा 31 वादों सहित कुल 124 वादों का पारिवारिक न्यायालय द्वारा निस्तारण किया गया। न्यायालय मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण से कुल 42 वादों का निस्तारण किया गया। श्री सतीश चन्द्र द्विवेदी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश न्यायालय संख्या-01 द्वारा कुल 01 बाद का, श्री जैनेन्द्र कुमार पाण्डेय विशेष न्यायाधीश एस०सी०/एस०टी० द्वारा कुल 12 वादों का निस्तारण किया गया। श्रीमती शैलजा राठी, विशेष न्यायाधीश (ई०सी० एक्ट) द्वारा 517 वादों का. श्री रामानन्द, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश न्यायालय संख्या-06 द्वारा 02 वादों का, श्री सन्तोष कुमार यादव, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / नोडल अधिकारी लोक अदालत द्वारा 06 वादों का, श्री यशवन्त कुमार सरोज, अपर जिला एवं सत्र यायाधीश /एफ०टी०सी०-01 द्वारा 11 वादों का निस्तारण किया गया। पारिवारिक न्यायालय द्वारा अलग रह रहे 11 दम्पत्तियों के वादों का निस्तारण कराकर उनको एक साथ रहने का तथा दम्पत्तियों को आशीर्वाद देकर व माला पहनाकर विदा किया गया। श्री अशोक कुमार सिंह-IX, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा कुल 2003 वादों का निस्तारण किया गया।

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