डीएम को पत्रक देकर अधिनियम को काला कानून बता इसे समाप्त करने की उठाई मांग
आजमगढ़: ग्रामीण न्यायालय के गठन के विरोध में दीवानी कचहरी के अधिवक्ता सोमवार को पूरे दिन न्यायिक कार्य से विरत रहे। नाराज अधिवक्ता जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय तक पहुंचे तथा उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। इस संबंध में दीवानी न्यायालय अभिभाषक संघ की साधारण सभा की आपात हुई। बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष प्रभाकर सिंह ने तथा संचालन मंत्री जय प्रकाश यादव एडवोकेट ने किया। बैठक में ग्रामीण न्यायालय के गठन का विरोध किया गया। इस संबंध में शासन की तरफ से की जा रही कवायद की कड़ी निंदा की गई। बैठक के बाद अध्यक्ष प्रभाकर सिंह व मंत्री जयप्रकाश यादव के के नेतृत्व में सैकड़ो अधिवक्ता शासन के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे तथा ग्रामीण न्यायालय के गठन के विरोध में अपनी मांगों का पत्रक सौंपा । तत्पश्चात सभी अधिवक्ता पूरे दिन न्यायिक कार्य से विरत रहे। इस संबंध में संघ के अध्यक्ष प्रभाकर सिंह ने बताया कि सोमवार को संघ की साधारण सभा की आपात बैठक आहूत की गयी जिसमें ज्यादातर संघ के सदस्यगण ने ग्रामीण न्यायालय की स्थापना तहसील स्तर पर करने की घोर निन्दा की और सन 2008 मे पारित इस अधिनियम को काले कानून की संज्ञा दी गयी। उन्होंने कहा कि तहसील स्तर पर न्यायालयों की स्थापना करके न्याय का गला घोंटा जा रहा, पिछले कई वर्षों से दीवानी न्यायालय अभिभाषक संघ हर शनिवार व दूसरे व चौथे सप्ताह में शुक्रवार को विरोध करते चले आ रहे हैं। ग्रामीण न्यायालय के गठन से किसी का कोई हित नहीं होगा बल्कि कानून मार्ग में कई विपदायें हो सकती है। ऐसी स्थिति में हम ग्रामीण न्यायालयों की स्थापना का घोर विरोध करते हैं एवं उसके वापस लेनें की मांग करते हैं।
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