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आजमगढ़: हिंदी की मजबूती के लिए सभी भाषाओं का सम्मान हो: प्रो० विमलेश




साहित्यानुरागी ने हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर गोष्ठी का आयोजन किया,हिन्दी कार्यशाला के प्रतिभागी पुरस्कृत हुए

आजमगढ़: गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर विमलेश कुमार मिश्र ने कहा कि हिन्दी साहित्य को मजबूत रखने के लिए सभी भाषाओं का सम्मान किया जाना जरूरी है। हिंदी हम के रक्त सम्बंध की भाषा है।
वह बुधवार को साहित्यानुरागी संस्था द्वारा हिन्दी दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित वर्तमान शिक्षा पद्धति में हिंदी की प्रासंगिकता विषयक विचार गोष्ठी कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होनें कहा कि हिंदी के साथ अन्य सभी भाषाओं का विकास जरूरी है तभी हिंदी की सर्वमान्य स्वीकृति मिलेगी। हिंदी भाषा कभी कट्टरता की भाषा नही रही। सबको ले चलने वाली भाषा है। हिंदी को प्रतियोगी परीक्षाओं में मजबूती से उपस्थिति के लिए प्रतियोगी पुस्तको का प्रकाशन हिंदी में जरूरी है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संयुक्त शिक्षा निदेशक आजमगढ़ योगेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि हिंदी हमारे कामकाज और आमचलन कि भाषा है। तमाम चुनौतियों के बाद भी आज हिंदी के हर वर्ष नए शब्द का सृजन हो रहा है। गूगल सर्च इंजन में भी सबसे अधिक दूसरे नम्बर की सर्च की जाने वाली भाषा है। हिंदी भाषा के विकास के लिए सरकार के प्रयासों के साथ हम सबको भी जुड़ना होंगा। हर रोज दैनिक चलन में हिंदी शब्दों को बोलचाल की भाषा में प्रयोग करना चाहिए।
कार्यक्रम के प्रारंभ में "साहित्यानुरागी" की अध्यक्ष डॉ मनीषा मिश्रा अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्था के स्थापना काल से अब तक के हिंदी भाषा एवं साहित्य के उन्नयन के लिए किए गए कार्यों को रेखांकित किया।
विशिष्ट अतिथि हिंदी के विद्वान डॉ जगदम्बा प्रसाद दुबे ने कहा कि हिंदी का भविष्य अच्छा है। इसके प्रचार प्रसार की जरूरत है। आज प्रतियोगी परीक्षा आईएएस जैसी परीक्षा में हिंदी के अभ्यर्थी सम्मानजनक स्थान पा रहे है। नई शिक्षा नीति में भी यह प्रयास किया जा रहा है कि मातृ भाषा को शामिल किया जा रहा है। यह हिंदी भाषा के लिए एक सुखद भविष्य का संकेत है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार पंकज गौतम ने की। धन्यवाद ज्ञापन संस्था की संरक्षक डॉ मालती मिश्रा ने व्यक्त किया। संचालन अंशू अस्थाना ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्वलित करके किया। सरस्वती श्लोक शुभम त्रिपाठी ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत रौशनी गौड़ ने प्रस्तुत किया। आगत अतिथियों का स्वागत संस्था की अध्यक्ष डॉ मनीषा मिश्रा ने पुष्प गुच्छ देकर और संस्था की सदस्यों ने बैज लगाकर किया। अतिथियों को "साहित्यानुरागी" का स्मृतिचिन्ह डॉ मनीषा, सरोज यादव, प्रीति गिरी, प्रतिभा पाठक, विदुषी अस्थाना, स्नेहलता राय, कंचन मौर्य, अंजू राय, प्रज्ञा, शिखा मौर्य, की तरफ से दिया गया। इस अवसर पर शेखर सिंह, आशुतोष द्विवेदी, मधुसूदन त्रिपाठी, पवन सिंह विजय प्रताप अरविंद सिंह, बजरंग मिश्र, प्रवीन सिंह,भूपेंद्र पांडेय, अखिलेश मिश्रा, पंकज वात्स्यायन, अभिषेक पंडित, हरिहर पाठक, गीता सिंह नीतू राय , बालेदीन बेसहारा डॉ भक्त वत्सल पूनम उमेश सिंह आरपी शुक्ला आदि लोग मौजूद रहे।
इस अवसर पर "साहित्यानुरागी" द्वारा गत दिवस हुए सर्वोदय पब्लिक स्कूल में आयोजित हिन्दी कार्यशाला में विजयी प्रतिभागियों को इस कार्यक्रम में संस्था ने पुरस्कृत भी किया। कार्यशाला में कहानी लेखन में आरोही परमार को प्रथम, हर्षित श्रीवास्तव को द्वितीय,चारू यादव को तृतीय स्थान मिला था। कविता लेखन में श्रद्धा गौड़ को प्रथम,नाबिया सिद्दीकी को द्वितीय, तथा जोहा सलीम खान को तृतीय, एवं निबंध लेखन कौशल में तृप्ति जायसवाल को प्रथम, प्रज्ञा मौर्य को द्वितीय, सुंदरम पटेल को तृतीय स्थान, आने पर स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया। इस कार्यशाला के आयोजन में विशिष्ट योगदान के लिए सर्वोदय पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य विधान तिवारी व प्रबंधक कंचन यादव को और सेठवल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अनूप सिंह को सम्मान पत्र दिया गया। कार्यशाला में दर्जनों विद्यालयों ने सहभागिता की थी। कार्यशाला को सफल बनाने में योगदान देने के लिए विभिन्न विद्यालयों के अर्चना सिंह, रमाकान्त वर्मा, संगीता सिंह, अंजनी कुमार दुबे, विश्वजीत चौबे, मोहम्मद अरशद, विनय यादव, जिया फातिमा, नवनीत राय, निशात, रेखा सिंह,दिनेश सिंह, विजय कुमार वर्मा आलोक सिंह शकुंतला, प्रेम बालिका , शहला को संस्था ने सम्मान पत्र देकर आभार जताया।

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