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आजमगढ़: डीएम ने पल्हनी में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का शुभारंभ किया



बच्चों व किशोरों को अल्बेन्डाजोल की गोली खिलाई जायेगी

जिले में 25 लाख से अधिक को खिलाई जाएगी दवा - सीएमओ

आजमगढ़ 10 अगस्त-- जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर उच्च प्राथमिक विद्यालय जाफरपुर पल्हनी में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि जिले के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों एवं समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 01 से 19 वर्ष तक के बच्चों एवं किशोर-किशोरियों को अल्बेन्डाजोल की गोली खिलाई जायेगी। यह दवा बच्चों के पेट में कृमि को समाप्त करने के लिए दी जाती है। जो बच्चों के सर्वांगीण विकास शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और संवेदनात्मक विकास के लिए उनकी आयु के अनुरूप दी जाएगी।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 आईएन तिवारी ने बताया कि दवा को नियमानुसार खाना अनिवार्य है। इस दवा के सेवन न करने से पेट में होने वाले कीड़े या कृमि से बच्चों के शरीर में पोषण की कमी हो जाती है, जिससे बच्चे शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर होने लगते हैं। बच्चे के कमजोर शरीर में अनेक बीमारियां जैसे खून की कमी (एनीमिया) इत्यादि होने लगती है।
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एनडीडी) डॉ0 वाई प्रसाद ने बताया की बच्चे अक्सर कुछ भी उठाकर मुंह में डाल लेते हैं या फिर नंगे पांव ही संक्रमित स्थानों पर चले जाते हैं, इससे उनके पेट में कीड़े विकसित हो जाते हैं। इसलिए अल्बेन्डाजोल खाने से यह कीड़े पेट से बाहर हो जाते हैं। अगर यह कीड़े पेट में मौजूद हैं तो बच्चे के आहार का पूरा पोषण कृमि हजम कर जाते हैं, जिससे खून की कमी हो जाती है, क्योंकि इन बच्चों एवं किशोर-किशोरियों में संक्रमण से खून की कमी होती है, जिससे मानसिक एवं शारीरिक विकास पर बुरा प्रभाव पड़ता है। कृमि के कारण कुपोषण में वृद्धि और शारीरिक विकास पर खास असर पड़ता है। उन्होने बताया कि जनपद में कुल 25 लाख से अधिक बच्चों को कृमि नियंत्रण के लिए अल्बेण्डाजोल की गोली खिलाई जाएगी। वहीं छूटे हुये बच्चों को 17 अगस्त को मॉपअप राउंड में गोली खिलाई जाएगी।
डॉ प्रसाद ने बताया कृमि मुक्ति दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है। खाना खाने के बाद ही दवा को खिलाई जाएगी। उपचार के खुराक आयु के अनुसार दी जाती है, जैसे 1 से 2 वर्ष के बच्चों को अल्बेण्डाजोल की आधी गोली को दो चम्मच के बीच चुरा कर साफ पानी में मिलाकर खिलाएँ। 2 से 3 वर्ष तक के बच्चों को एक पूरी गोली चम्मच में चुरा कर पानी के साथ खिलाएँ और 3 से 19 वर्ष तक बच्चो, किशोरों एवं किशोरियों को एक पूरी गोली को चबाकर खाना है। चबाकर खाने से गोली गले में नहीं अटकती है।
अतरौलिया ब्लॉक की आशा संगिनी कंचन पाण्डेय ने बताया कि हम लोगों को दवा खिलाने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। स्कूल जाने एवं न जाने वाले 01 से 19 साल के सभी बच्चों को दवा खिलाई गयी है, जो बच्चे इस अभियान से छूटे जाएंगे, उन्हें 17 अगस्त को मॉपअप राउंड में दवा खिलाई जाएगी।
प्राथमिक विद्यालय अतरौलिया के सात वर्षीय लाभार्थी सोनू की माँ ने बताया कि मेरे बच्चे को आज उसके स्कूल में कृमि मुक्ति की दवा खिलाई गई है। दवा सेवन के दौरान और घर आने के बाद भी कोई दिक्कत नहीं हुई है।
कृमि से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए यह दवा एक बेहतर उपाय है, जिन बच्चों के पेट में पहले से कृमि होते हैं, उन्हें कई बार कुछ हल्के प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं, जैसे- हल्का चक्कर, थोड़ी घबराहट, सिर दर्द, दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, मितली, उल्टी या भूख लगना। इससे घबराना नहीं है, दो से चार घंटे में स्वतः ही समाप्त हो जाती है। आवश्यकता पड़ने पर आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मदद से चिकित्सक से संपर्क कर उचित सलाह लें।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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