आजमगढ़: जिले के बड़ैला ताल स्थित सारस संरक्षण केंद्र में संरक्षित दो में से एक सारस बुधवार को लगभग 20 किमी दूरी तय कर तहसील सगड़ी के कपसा गांव पहुंच गया। बाद मेें वन विभाग की टीम गांव में पहुंची और उसे पुन: बड़ैला ताल में संरक्षित किया। सुबह खेत में कुत्तों से घिरे सारस को बचाने के लिए कपसा गांव के निखिल दुबे को काफी मशक्कत करनी पड़ी। आफत में फंसी जान को बचाने वाले निखिल को देखते ही देखते विशालकाय सारस ने देवदूत मान अपना दोस्त बना लिया। इतना ही नहीं यह मेहमान पक्षी घर की ओर रुख किए निखिल के पीछे पीछे चल दिया। जानकारी होते ही गांव वालों को भीड़ जुट गई। मेहमान परिंदा अपनी जान बचाने वाले निखिल के साथ चहल कदमी कर रहा था। विलुप्त प्राय श्रेणी में आ चुके इस पक्षी के बारे में पुलिस एवं वन विभाग को सूचना दी गई। कुछ समय बाद मौके पर पहुंचे 112 नंबर पुलिस सेवा में तैनात पुलिसकर्मी ने पक्षी के बारे में फोन पर वन विभाग को जानकारी दी और निखिल को वन विभाग के लोगों के पहुंचने तक देखभाल करने की जिम्मेदारी सौंप वापस लौट गए। डीएफओ गंगादत्त मिश्र ने बताया कि बड़ैला ताल से भटक कर सारस कपसा पहुंच गया था, जिसे पुन: वहीं संरक्षित कर दिया गया है।
Blogger Comment
Facebook Comment