आज हमारे बीच से एक पुण्य आत्मा गई है,वह परिवार भी धन्य है जिसमें सौ वर्ष के बुजुर्ग रहें वो भी स्वतंत्रता सेनानी - डा० अनूप सिंह यादव
आजमगढ: देश की आजादी की लड़ाई में अपनी महत्पूर्ण भूमिका निभाने वाले जनपद के एक मात्र बचे वयोवृद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लालचन्द्र तिवारी का 100 वर्ष की आयु में निधन होने से पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ पडी। उन्होने नगर के लाइफ लाइन अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन पर जिलाधिकारी ने भी शोक व्यक्त किया है। खास बात यह रही कि स्व० तिवारी जी के पार्थिव शरीर को वरिष्ठ न्यूरो चिकित्सक डा० अनूप सिंह यादव और उनके अस्पताल की तरफ से भावुक अंतिम विदाई व श्रद्धांजलि अर्पित की गई। अस्पताल से अपनी अंतिम यात्रा पर निकले श्री तिवारी के पार्थिव शरीर पर अस्पताल स्टाफ ने पुष्प वर्षा कर प्रणाम किया । निधन के बाद अस्पताल प्रबंधन ने शोक सभा का आयोजन किया। हास्पिटल से शव को एम्बुलेंस में ले जाने के दौरान अस्पताल के समस्त स्टाफ व उपस्थित लोगों ने पुष्प वर्षा कर श्रद्धांजलि अर्पित किया। हास्पिटल के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डा0 अनूप सिंह यादव ने कहा कि पूर्वांचल के एकमात्र जीवित रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का आज निधन हुआ है। आज हमारे बीच से एक पुण्य आत्मा जा रही है। उन्होने कहा कि वह परिवार भी धन्य है जिस परिवार में सौ वर्ष के बुजुर्ग रहे वह भी स्वतंत्रता सेनानी। पहले भी कई बार जब उनके स्वास्थ्य में दिक्कत आती थी हमें उनकी सेवा करने का अवसर मिला था। आज उन्होंने अंतिम सांस ली तो बहुत ही दुखी हैं। उनके पार्थिव शरीर को सम्मान पूर्वक एम्बुलेंस से घर पंहुचाया गया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लालचंद तिवारी की दो पुत्रियां ही थी। हास्पिटल पहुचे उनके नाती विशाल पाठक ने बताया कि 3 दिन से तबीयत खराब थी 1 दिन पूर्व हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। पुलिस भी देखने के लिए आई थी। उन्होने बताया कि हास्पिटल प्रबंधन से उनको पूरी मदद मिली । परिजनों का कहना था कि उनका पेंशन से ही गुजारा होता था। वहीं उनकी पुत्री ने बताया कि उनको सरकार से कोई मदद की जरूरत नहीं है।
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