उमस भरी गर्मी से वार्ड में उबल रहे है बीमार संग तीमारदार
जिला अस्पताल की खुली कलई, मरीज झेल रहे दुश्वारियां
आजमगढ़ : भीषण गर्मी में हीट स्ट्रोक के कारण जिले में एक दर्जन से ज्यादा लोगो की मौत हो चुकी हैं। इसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भर्ती मरीजों को लेकर गंभीर नही हैं और ना ही विभाग के तरफ से मरीजों को कोई बेहतर सुविधा मुहैया करायी जा रही हैं। वार्ड में लू और उमस भरी गर्मी से मरीजों की दूश्वारियां कम होने का नाम नही ले रही हैं। वही कुछ तो मरीज अपने घर टैबल फैन लेकर पहुंच रहे हैं।जिले में जैसे ही भीषण गर्मी का पारा बढ़ा तो स्वास्थ्य विभाग की कलई खुल गई। आए दिन जिला अस्पताल में गर्मी से बेहाल मरीज भर्ती होने पहुंच रहे हैं। तो वही विभाग के तरफ से सुविधाएं भी नदारत मिल रही हैं। उमस भरी गर्मी में वार्ड में भर्ती मरीजों को देखा गया हैं कि कुछ तीमरदार अपने मरीज को पंखा झलती नजर आ रही हैं। तो वही कुछ मरीज अपने-अपने घर से टेबल फैन लेकर आ रहे हैं। ऐसा पहली बार नही हुआ हैं जब कभी भी कोई अनहाेनी होती है तो उसमें जिला अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पहले ही फेल हो जाती हैं। शासन के दावे कितने सच है कि गरीब किस उम्मीद से जिला अस्पताल इलाज कराने जाएं। व्यवस्था की बात करे तो जाड़े से ही वार्ड के टुटे खिड़की की मरम्मत होनी थी लेकिन छह माह बीतने के बाद भी खिड़की नही बनी अगर खिड़की बन जाती तो शायद भर्ती मरीजों को लू के थपेड़ो से बचाया जा सकता हैं। भर्ती मरीजों की दुश्वारियां कम होने का नाम नही ले रही जिससे हीट स्ट्रोक से ग्रसित मरीजो के मरने वाले आकड़े कम होने का नाम नही ले रहे हैं। 24 घंटे में मरने वालो में मुकेरीगंज के कैलाश, बिलरियागंज के कौशिल्या देवी, मुबारकपुर के करन, दोहरीघाट सुभावती, मनचोभा अब्दुल अजीज, शेखपुरा हीरा यादव, मतौलीपुर सुरेश, हाफिजपुर शंकर, मुबारकपुर इतराल हुसैन, कोठिया बच्ची देवी, अहरौला भागीरथी, पातीखुर्द पराकली देवी, जयरामपुर बाबू लाल, बलिया गीता सिंह, रानी की सराय नरगिश, काेलपांडेय रामसेवक शर्मा, रौनापार सूर्यभान, कोठिया के कृष्णा हालाकि चार से पांच हीट स्ट्रोक के मरीज इमरजेंसी में निजी साधन से आए लेकिन मरीज की मौत के बाद शव लेकर चले गए। हालाकि दस गंभीर मरीज इमरजेंसी में भर्ती हैं,जिनका इलाज चल रहा हैं।
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