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आजमगढ़: साइबर अपराधियों से बचने के लिए रहे अलर्ट- डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर



जोकहरा में डिजिटल साक्षरता कार्यशाला में हुई साइबर अपराध पर चर्चा

आजमगढ़: श्री रामानंद सरस्वती पुस्तकालय जोकहरा में नाबार्ड के सहयोग से उद्यमिता कौशल विकास एवं डिजिटल साक्षरता विषय चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम में मंगलवार को युवा और साइबर अपराध विषयक विशेष व्याख्यान का आयोजन हुआ।बतौर मुख्य वक्ता साइबर क्लब के नोडल अधिकारी एवं वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के इस दौर में साइबर अपराधी नए- नए तरीके अपनाकर घटना को अंजाम दे रहे। फोन, इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों साथ धोखाधड़ी की घटनाएं बहुत तेजी से बढ़ी है। कभी लालच देकर, कभी व्यक्तिगत सूचनाएं हासिल कर साइबर अपराधी ब्लैक मेलिंग का कार्य कर रहे हैं। अगर साइबर अपराधियों के आर्थिक, मानसिक और शारीरिक शोषण से बचना है तो सभी को अलर्ट रहना होगा।उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल बहुत ही संभलकर करने की आवश्यकता है। इससे हमारी बहुत सारी सूचनाएं सार्वजनिक हो जाती हैं जिन्हें हासिल कर साइबर अपराधी घटनाओं को आसानी से अंजाम दे देते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि खुद जागरूक हो और अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी जागरूक करें। उन्होंने कहा कि वित्तीय धोखाधड़ी होने पर भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तत्काल फोन कर सहायता ली जा सकती है।
पुस्तकालय की कार्यकारी निदेशक हिना देसाई ने कहा कि स्वरोजगार को बढ़ावा देने वाले इस प्रशिक्षण में युवाओं को डिजिटल मार्केटिंग, फोटोग्राफी, व्यवसाय प्रबंधन आदि विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा है।जिससे युवाओं को अपने बिज़नेस को सुचारु रूप से स्थापित करने में मदद मिलेगी। प्रशिक्षक अमित ने प्रतिभागियों को कैमरे और प्रोग्राम प्रोडक्शन की तकनीक बताया।इस अवसर पर कार्यशाला के प्रतिभागी उपस्थित रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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