कोर्ट ने चार अन्य को एक वर्ष के प्रोबेशन पर रिहा करने का दिया आदेश
आजमगढ़: गैर इरादतन हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने एक आरोपी को पांच वर्ष के सश्रम कारावास तथा चार आरोपियों को एक वर्ष के प्रोबेशन पर रिहा करने का आदेश दिया। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 7 रमेशचंद की अदालत ने सोमवार को सुनाया। अभियोजन कहानी के अनुसार वादी मुकदमा राम बचन यादव पुत्र स्वर्गीय सहदेव यादव निवासी चौकी नसरतपुर थाना देवगांव की गांव के बलवंत आदि से पुरानी रंजिश चली आ रही थी। इसी रंजिश के कारण 9 दिसंबर 2011 की सुबह दस बजे बलवंत पुत्र रामनाथ, वीरेंद्र पुत्र हीरामनी, हरिप्रसाद पुत्र रामकिशन, राजेश पुत्र बलवंत, हीरामनी पुत्र रामनाथ, रामकिशन पुत्र रामनाथ जबरदस्ती राम बचन की दीवार गिरा कर अपनी दीवार बनाने लगे। जिसका विरोध रामबचन के लड़के अजय तथा संजय ने किया । विरोध करने पर सभी हमलावरों ने अजय तथा संजय को बुरी तरह से लाठी डंडे से मारा । इन्हीं चोटों की वजह से अजय यादव की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित किया। दौरान मुकदमा आरोपी हीरामनी की मृत्यु हो गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता विक्रम सिंह पटेल ने रामबचन, संजय, चंपा, कैलाश तिवारी, मोहर्रम महावीर प्रसाद, विवेचक मोहनलाल वर्मा, डॉ घनश्याम, डॉक्टर आलेंद्र कुमार, डॉ विनय कुमार सिंह, महावीर वर्मा तथा डॉक्टर अनूप कुमार सिंह को बतौर साक्षी न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी राजेश को गैर इरादतन हत्या का दोषी पाते हुए पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। जबकि आरोपी बलवंत, वीरेंद्र, हरिप्रसाद तथा रामकिशन को अच्छे चाल चलन की शर्त पर तत्काल दंडित ना करके एक वर्ष के प्रोबेशन पर रिहा करने का आदेश दिया।
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