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आजमगढ़ : एक ही चिता पर जले पति-पत्नी और बेटी के शव


तिहरे हत्याकांड से गम में डूबा हुआ है धंधारी गांव,हत्यारा पुत्र अभी भी फरार

आजमगढ़: जिले का धंधारी गांव तिहरे हत्याकांड के गम से उबर नहीं सका है। माता-पिता और छोटी बहन की कुल्हाड़ी से गर्दन काटकर हत्या करने वाला युवक फरार है। वह दो बहनों का इकलौता भाई है। गांव के लोग घटनास्थल के मंजर को याद कर सिहर जा रहे हैं। रविवार देर शाम पोस्टमार्टम के बाद शवों का राजघाट पर अंतिम संस्कार किया गया। माता-पिता और बेटी की चिताएं जब एक साथ जलीं तो वहां मौजूद हर शख्स रो उठा। मृतक के बड़े भाई ने शवों को मुखाग्नि दिया। वहीं भाई के हाथों जीवित बच गई एक और बहन का तो रो-रोकर बुरा हाल है।
कप्तानगंज थाना क्षेत्र के धंधारी गांव निवासी भानू प्रताप सिंह गांव के बाहर सड़क के किनारे मकान बनाकर परिवार के साथ रहते थे। उन्होंने शनिवार को पुत्र राजन सिंह (20) को किसी बात पर डांटा था। इस बात से वह क्षुब्ध हो गया। उसने शनिवार की रात ही पिता भानू प्रताप सिंह (48), मां सुनीता देवी (45) और बहन राशि सिंह (13) वर्ष को कुल्हाड़ी से वार करके मार डाला।
वारदात को अंजाम देने के बाद वह घर से फरार हो गया। आबादी से दूर सड़क किनारे मकान होने के कारण किसी को रात में परिवारवालों की चीख-पुकार सुनाई नहीं दी। सुबह गांव वाले टहलने निकले तो भानू प्रताप के घर पर सन्नाटा पसरा था। घर का दरवाजा खुला हुआ था। कुछ लोग परिवार के सदस्यों का हाल जानने भीतर गए और वहां का दृश्य देखकर स्तब्ध रह गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
भानू प्रताप के बड़े भाई भूपति सिंह की तहरीर पर राजन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। देर शाम पोस्टमार्टम के बाद शवों का राजघाट पर एक ही चिता पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। भूपति सिंह ने ही शवों को मुखाग्नि दी। शनिवार रात इस खौफनाक घटना के समय एक पुत्री रिश्तेदारी में गई थी। जिसके चलते वो कलयुगी भाई के हाथों बच गई। उसका रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं आरोपी युवक अभी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। उसकी तलाश में पुलिस की दो टीम लगी हुई है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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