अंगोला के वरिष्ठ न्यूरो चिकित्सक डॉ. मायंडा एनडी ने अस्पताल की व्यवस्था को विश्व स्तरीय बताया
अंगोला के मेडिकल छात्रों को प्रशिक्षण के लिए लाइफलाइन हॉस्पिटल भेजेंगे -डॉ. मायंडा
आजमगढ़: दुनिया के कई देशों के मुकाबले भारत की चिकित्सा व्यवस्था काफी सस्ती है। इसी वजह से बहुत से विदेशी नागरिक हर साल भारत आकर अपना इलाज करवाते है। इसको ध्यान में रखते हुए भारत सरकार दवारा हील इंडिया योजना की शुरुवात की गयी है। जिसका उद्देश्य भारतीय चिकत्सा व्यवस्था का पूरी दुनिया में प्रचार करना है। आजमगढ़ भी अब स्वास्थ्य के क्षेत्र में नया कीर्तिमान गढ़ने जा रहा है। आजमगढ़ लाइफलाइन हॉस्पिटल द्वारा पहले भी अपने संसाधनों और कशल कार्य प्रणाली के चलते कई बड़े सेंटरों से निराश विदेशी मरीजों का सीमित खर्च में इलाज कर उनके और उनके परिजनों के चहरे पर मुस्कुराहट लाने का काम किया है। हॉस्पिटल के प्रमुख न्यूरोसर्जन डॉ. अनूप कुमार सिंह द्वारा बताया गया की अब अंगोला के मरीज भी उनके सेंटर में आकर इलाज करायेंगे । आपको जानकर आश्चर्य होगा की दक्षिण अफ्रीकी देश अंगोला की गिनती दुनिया के उन देशों में होती है जहा स्वास्थ्य और सेवाएं बहुत खराब है, यहा मलेरिया, कालरा, जीका आदि बीमारियों का कहर देखा जा चुका है। अंगोला में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा गंभीर रूप से कम संसाधनों और कर्मचारियों की कमी है। ऐसे में डॉ अनूप की पहल से उस देश के मरीजों को काफी मदद मिलेगी। दरसल सीएनसीटीएच अस्पताल लुआडा, अंगोला के डायरेक्टर और अंगोलन न्यूरोसर्जिकल कॉलीग के अध्यक्ष डॉ. मायंडा एनडी द्वारा अपने देश के स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति को देखते हुए वहां के मरीजों के बेहतर इलाज के लिए काफी देशों में घूमकर इंटरनेट आदि के जरिये अपने देश के मरीजों के बेहतर इलाज के लिए देश के कई बड़े डॉक्टरों से बात और मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने आजमगढ़ के बहुचर्चित न्यूरो मरीजों के केस की इंटरनेट से जानकारी हुई तत्पश्चात उन्होंने इंटरनेट के जरिये से डॉ अनूप के केस और लाइफलाइन के बारे में जानकारी हाशिल की एवं उपलब्ध जानकारी से प्रभावित होने के बाद उन्होंने डॉ अनूप सिंह से संपर्क किया और मिलने की इच्छा जताई। डॉ अनूप के सहमति के बाद वो आजमगढ़ आये और लाइफलाइन हॉस्पिटल की कार्यप्रणाली एवं यहाँ के अंतरास्ट्रीय मनको के अनरूप इलाज की गुणवत्ता को देख कर वो यहाँ से बहुत प्रभावित हुए। प्रेस वार्ता के दौरान डॉ अनूप ने बताय की डा०मायंडा द्वारा हमारी सहायता से अंगोला में न्यूरोसर्जिकल केयर की गुणवत्ता बढ़ने के लिए और आपसी सम्बन्ध विकसित करने की गहरी दिलचस्पी दिखाई है। जिसके बाद हम दोनों लोग इस निष्कर्ष पर पहुंचे की लाइफलाइन हॉस्पिटल के सहायता से हम अगोला में न्यूरोसर्जिकल केयर में सुधार के लिए कौशल परामर्श और तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे। जिन मरीजों का इलाज अंगोला में नहीं हो पायेगा वैसे मरीजों का इलाज हम लाइफलाइन हॉस्पिटल में करेंगे और मेडिकल सुविधा मुहैया कराएंगे। इस सेंटर को डब्ल्यूएसओ की ओर से 3 एएचपीआई, 2 डायमंड अवॉर्डस सहित कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं इसके साथ ही इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है। वहीं डा० मायंडा ने बताया कि कई दिनों के निरीक्षण के बाद उन्होंने पाया कि लाइफलाइन हॉस्पिटल में विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधा है। ऐसी ही व्यवस्था उनके देश में करने की जरूरत है , इसी क्रम में उन्होंने अंगोला में न्यूरो के मरीजों के इलाज आदि के लिए लाइफलाइन से तकनीकी सहयोग मांगा है। साथ ही उनके देश में न्यूरो चिकित्सा पढ़ने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स को प्रशिक्षण के लाइफलाइन हॉस्पिटल में भेजा जाएगा। उन्होंने लाइफलाइन हॉस्पिटल के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डा० अनूप कुमार सिंह की मुक्त कंठ से सराहना किया और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर आर्थो सर्जन डा० अनुराग राय भी उपस्थित थे।
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