बच्चे माता पिता व गुरुजन से बहुत कुछ सीखते हैं पर स्कूल में अपने आप से सीखने के काबिल बनते हैं - विजय बहादुर सिंह
आजमगढ़: जहानागंज क्षेत्र के एस.के.डी. विद्या मंदिर, धनहुआं में सोमवार को 11वीं के छात्रों द्वारा फेयरवेल पार्टी का आयोजन किया गया जिसके माध्यम से उन्होंने अपने से वरिष्ठ 12वीं के छात्रों को नम आंखों से विद्यालय परिसर से विदा किया। इस अवसर पर विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ-साथ विद्यालय के व्यवस्थापक श्रीकांत सिंह और वरिष्ठ अध्यापकों द्वारा छात्र छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की गई। अपनी मधुर स्मृतियों को एक दूसरे से साझा करते हुए छात्र काफी भावुक दिख रहे थे। विद्यालय परिसर से विदा होते सभी छात्र/छात्राओं की आखें भले हीं नम दिख रही थी लेकिन इनमें कुछ कर गुजरने का जज्बा भी स्पष्ट दिखायी दे रहा था । कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन से हुई। इसके पश्चात छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना और स्वागत गान प्रस्तुत किया गया अपने संबोधन में विद्यालय के संस्थापक विजय बहादुर सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि ये यह नहीं समझ पाते हैं कि इन्हें बनना क्या है लेकिन एसकेडी विद्या मंदिर इस कमी को दूर करते हुए छात्र छात्राओं को एक निश्चित लक्ष्य की ओर जाने के लिए प्रेरित करता है। वैसे तो एक विद्यार्थी अपने माता पिता और गुरुजन से बहुत कुछ सीखता है लेकिन विद्यालय में बच्चो को इस काबिल भी बनाया जाता है कि वह अपने आप से भी सीख सके। इस विशेष गुण के साथ साथ विद्यार्थियों में संस्कार का जो बीज बोया जाता है वह अद्वितीय होता है। इसी के आधार पर ही एस.के.डी. का छात्र भीड़ में भी अलग दिखायी देता है। छात्र/छात्रायें आज भले ही विद्यालय से विदा हो रहे हैं लेकिन भविष्य में उनकी किसी भी समस्या के समाधान के लिए विद्यालय का दरवाजा हमेशा खुला रहेगा। वरिष्ठ शिक्षक गण राकेश पांडे, संतोष यादव, योगेंद्र यादव, हौसला दुबे, रंजना वर्मा, अंकिता चौबे आदि ने शुभकामना देते हुए अपनी अपनी मधुर स्मृतियों को एक दूसरे से साझा किया। नम आखों से विदा हो रहे छात्रों में उस सपने को साकार करने जज्बा भी दिख रहा था जो विद्यालय मेे शिक्षा देते हुए यहां के अध्यापकों द्वारा उनके भविष्य के लिए सजाया जाता है। अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य रामजी चौहान द्वारा सभी को धन्यवाद दिया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने मेें प्रमोद वर्मा, नवनीत मिश्रा, प्रियंका सिंह, रेनू मिश्रा आदि लोगों का योगदान काफी सराहनीय रहा।
Blogger Comment
Facebook Comment