अदालत ने पिता को गैर इरादतन हत्या का दोषी पाते हुए 12 हजार अर्थदंड भी लगाया
आजमगढ़ : अपने ही बेटे को जिंदा जला देने के मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने आरोपी पिता को 10 वर्ष के कठोर कारावास तथा 12 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर एक बीडी भारती ने बुधवार को दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार देवगांव क्षेत्र के नंदापुर निवासी भिखारी चौहान की पत्नी की मृत्यु हो चुकी थी। वह अपने घर में दूसरी महिला को ले आकर रखे हुए थे, जिसका विरोध उसके पुत्र कैलाश ने किया। इस विरोध से नाराज होकर 19 मई 2012 की रात भिखारी ने अपने सोए हुए पुत्र को मिट्टी का तेल छिड़ककर जला दिया। चीखते हुए कैलाश बाहर भागा। उसका शोर सुनकर पड़ोस के शिव पूजन सोनकर ने हास्पिटल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान कैलाश की मृत्यु हो गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से शासकीय अधिवक्ता जगदंबा पांडेय ने कुल आठ गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी पिता को गैर इरादतन हत्या का दोषी पाते हुए उक्त सजा का निर्धारण किया।
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