अनट्रेंड चालकों के हाथों में है स्टेयरिंग,कृषि कार्य के नाम पर है सभी का पंजीयन
आजमगढ़: कृषि कार्य के नाम पर पंजीकृत ट्रैक्टर-ट्रालियों का जिले में व्यावसायिक उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है, जिससे शासन को लाखों रुपये के टैक्स की हानि तो हो ही रही है, वहीं दुर्घटना होने पर लोगों को क्लेम लेने में भी परेशानी आती है। परिवहन विभाग द्वारा इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। खेती-किसानी का काम करने वाले ट्रैक्टर-ट्राली खरीदते हैं। अगर कोई व्यक्ति ट्रैक्टर-ट्राली खरीद कर उसका व्यवसायिक उपयोग कर रहा है तो उसे ट्रैक्टर-ट्राली का अलग-अलग पंजीयन कराना होता है। जिले में एक भी ट्रैक्टर ट्राली का व्यवसायिक पंजीयन नहीं है। कृषि कार्य के लिए संभागीय परिवहन विभाग में 1500 ट्रैक्टर का पंजीयन हुआ है। व्यवसायिक पंजीयन नहीं होने के बाद भी ट्रैक्टर-ट्राली से रेत,गिट्टी, ईंट, भूसा, खाद्यान्न आदि सामान ले जाने का उपयोग किया जा रहा है। यहां तक कि मुंडन व शवदाह के समय भी इसका उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। एआरटीओ सत्येंद्र कुमार यादव ने बताया कि ट्रैक्टर कृषि कार्य के लिए पंजीकृत किए जाते हैं। पंजीकरण के समय किसानों को खतौनी प्रस्तुत करना होता है। ट्रैक्टरों का पंजीकरण कृषि कार्य के लिए किया जाता है। मोटर यान अधिनियम -1988 के तहत व्यवसायिक उपयोग हेतु ट्रैक्टर एवं ट्राली को अलग-अलग पंजीकरण कराना आवश्यक होता है।
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