Video-भारतीय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष व पूर्व डीएम ने आजमगढ़ से की शुरुआत
परीक्षा में चयनित बच्चों को प्रति वर्ष 20 हजार की दी जाएगी मदद
आजमगढ़: पूर्वांचल के पांच जिले वाराणसी, आजमगढ़, गाजीपुर, चंदौली व जौनपुर के वनवासी समुदाय के 100 मेधावी छात्र-छात्राओं की पढ़ाई का खर्च वीर बिरसा मुंडा सेवा समिति उठाएगी। यह बीड़ा उठाया है भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष व आजमगढ़ के पूर्व डीएम एन पी सिंह ने। इसकी शुरुआत रविवार को आजमगढ़ में हो गई। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान(डायट) जाफरपुर में वनवासी समुदाय के 60 मेधावी छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी। जिसमें सफल कक्षा नौ, कक्षा-10, कक्षा-11, कक्षा-12 के पांच-पांच बच्चों का चयन किया गया। जिनकी छात्रवृत्ति एवं पढ़ाई-लिखाई के लिए समिति के तरफ से प्रतिवर्ष की 20 हजार रुपये सहायता राशि दी जाएगी। इनकी शिक्षा का खर्च समिति उठाएगी। इसी प्रकार इन्हें उच्च शिक्षा के लिए भी 60 हजार रुपये की आर्थिक मदद समिति की तरफ से की जाएगी। भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष व समिति के संरक्षक ने बताया कि आजमगढ़ के बाद पूर्वांचल के अन्य जिलों में वनवासी व मुसहर समाज के मेधावी बच्चों को चिह्नित कर उनकी परीक्षा कराई जाएगी और उनकी पढ़ाई के लिए हर संभव मदद की जाएगी। समिति के सदस्यों के अलावा जनसहयोग से यह अभियान चलता रहेगा। इस अवसर पर सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने भी पूर्व डीएम के प्रयास की सराहना करते हुए अन्य लोगों को भी आगे आने को कहा। हर संभव मदद करने आश्वासन के साथ ही परीक्षा दे रहे बच्चों का उत्साहवर्धन किया। उप शिक्षा निदेशक डायट प्राचार्य अमरनाथ राय, डायट संकाय टीम के सदस्य आशुतोष कुमार श्रीवास्तव, सतीश चंद्र यादव, पुनीत कुमार मौर्य व अभय राज निषाद के अलावा समिति के सदस्य थे।
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