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आजमगढ़:चिकित्सा व्यवस्था में सुधार हेतु डीएम करें अस्पतालों का निरीक्षण: मण्डलायुक्त


गोल्डेन कार्ड बनाने हेतु चलायें अभियान -मनीष चौहान

मण्डलायुक्त ने की विकास कार्यक्रमों तथा निर्माण कार्यों की प्रगति समीक्षा

आज़मगढ़ 19 सितम्बर -- मण्डलायुक्त मनीष चौहान ने कहा है कि सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था में अपेक्षित सुधार लाने हेतु सभी जिलाधिकारी महीने में कम से कम एक बार जिला चिकित्सालय का अवश्य निरीक्षण करें। इसके साथ ही सभी सीएचसी एवं पीएचसी का भी नियमित रूप से निरीक्षण करायें। वह सोमवार को अपने कार्यालय के सभागार में शासन की शीर्ष प्राथमिकताओं से सम्बन्धित कार्यक्रमों तथा निर्माण कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। मण्डलायुक्त ने निर्देश दिया कि जिन कार्यक्रमों मण्डल की ग्रेडिंग ए में नहीं हैं उससे सम्बन्धित अधिकारी पूरी निष्ठा और लगन के साथ दायित्वों का निर्वहन करते हुए ग्रेडिंग में अपेक्षित सुधार लाना सुनिश्चित करें। मण्डलायुक्त श्री चौहान ने विभागवार प्रगति की समीक्षा करते हुए आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत जनपदों में गोल्डेन कार्ड आज़मगढ़ में 261270, मऊ में 201237 एवं बलिया में 361337 लाभार्थियों के कार्ड बने हैं। इस प्रकार आज़मगढ़ में 113935, मऊ में 79459 एवं बलिया में 153384 परिवार ऐसे हैं जिसमें कम से कम लाभार्थी का गोल्डेन कार्ड बना है। मण्डलायुक्त ने इसे कम बतात हुए निर्देश दिया कि जनपदों में अधिक से अधिक कार्ड बनाये जाने हेतु आशाओं के साथ पंचायती राज विभाग की भी जिम्मेदारियॉं तय की जाय। इसके साथ ही लेखपाल और एएनएम आदि को भी कोटे की दुकानों पर राशन वितरण की तिथियों में लगाया जाय ताकि वहॉं उपस्थित रहकर अधिक से उपभोक्ताओं का गोल्डेन कार्ड बना सकें। इसके अलवा उन्होंने उप श्रमायुक्त को निर्देशित किया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर पंजीकृत सभी श्रमिकों का गोल्डेन कार्ड अनिवार्य रूप से बनाये जाने के सम्बन्ध में कार्यवाही करें। मण्डलायुक्त ने कहा कि गोल्डेन कार्ड बनाये जाने हेतु कम से कम 10 दिन का सघन अभियान चलाया जाय। जिला चिकित्सालयों, सीएचसी, पीएचसी पर आमजन को समुचित स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराये जाने के दृष्टिगत उन्होंने अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य को निर्देशित किया कि नियमित रूप से ओपीडी में चिकित्सकों की समय से उपस्थिति सुनिश्चित करायें तथा चिकित्सकों, दवाओं आदि की उपलब्धता की भी बराबर समीक्षा करें।



मण्डलायुक्त मनीष चौहान ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन के अन्तर्गत निर्माणाधीन स्वीकृत ग्रामीण पाइप्ड पेयजल योजना में पाया कि आज़मगढ़ की स्वीकृत 31 परियोजनाओं में 204 बस्तियॉं, मऊ की 19 परियोजनाओं में 148 एवं बलिया की 46 परियोजनाओं में 212 बस्तियॉं सम्मिलित हैं। आज़मगढ़ में 11 परियोजनायें संचालित हो चुकी हैं, 2 परियोजनाओं में केवल विद्युत संयोजन कार्य अवशेष है, जबकि शेष 18 पेयजल योजनाओं का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार मऊ में 5 संचालित हो चुकी हैं, 2 परियोजनायें नलकूप छिद्रण का कार्य सफल नहीं होने तथा जल गुणवत्ता ठीक नहीं मिलने के कारण ड्राप की कार्यवाही में हैं, जबकि 12 पेयजल योनाओ का निमर्यण कार्य प्रगति पर है। जनपद बलिया में 4 परियोजनायें पूर्ण कर जलापूर्ति प्रारम्भ कर दी गयी है, 3 पर विद्युत संयोजन कार्य अवशेष है, एक पाइपलाइन टेस्टिंग के अन्तर्गत है, एक का वाद न्यायालय में विचाराधीन है तथा शेष 37 पेयजल योजना का कार्य प्रगति पर है। मण्डलायुक्त श्री चौहान ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण योजना है, इस पर विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने अधीक्षण अभियन्ता, जल निगम को निर्देशित किया कि इस योजना के तहत शत प्रतिशत कनेक्शन देने तथा लक्ष्य आपूर्ति हेतु तैयार कार्ययोजना आदि का पूर्ण विवरण उपलब्ध कराया जाय।



निर्माण कार्यों की समीक्षा में गुणवत्ता और समयबद्धता पर दिया विशेष जोर



मण्डलायुक्त मनीष चौहान ने निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए मण्डल के जनपदों में 50 लाख से अधिक लागत तथा 50 करोड़ से अधिक लागत की निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा में कार्यदायी विभागों को गुणवत्ता के साथ समयबद्ध रूप से कार्यों को पूर्ण करने का निर्देश दिया। उन्होंने निर्देशि दिया कि यदि ठेकेदार द्वारा कार्य अपेक्षित गति से नहीं कराया जा रहा है अथवा कार्य के प्रति रूचि नहीं दिखाई जा रही है तो ऐसे ठेकेदारों के विरुद्ध कार्यवाही कराते हुए नियमानुसार अन्य ठेकेदारों के माध्यम से कार्य कराया जाय। बैठक मंे अवगत कराया गया है कि मण्डल में 50 लाख एवं उससे अधिक लागत की कुल 331 परियोजनायें स्वीकृत हैं, जिसमें आज़मगढ़ में 128, मऊ में 59 एवं बलिया में 144 परियोजनायें इसमें आज़मगढ़ 21 पूर्ण व 2 अनारम्भ, मऊ में 9 पूर्ण व 1 अनारभ तथा बलिया में 28 पूर्ण व 3 अनारम्भ हैं। मण्डलायुक्त श्री चौहान ने निर्देश दिया कि यदि कोई परियोजना भूमि विवाद या भूमि की अनुपलब्धता के कारण आरम्भ नहीं हो सकीं हैं तो इसके लिए तत्काल सम्बन्धित जिलाधिकारी से सम्पर्क कर समाधान निकाला जाय। यह भी बतया गया कि मण्डल में 50 करोड़ से अधिक लागत की कुल 18 परियोजनायें हैं, इसमें सभी की प्रगति अपेक्षानुरूप है।
बैठक में जिलाधिकारी आज़मगढ़ विशाल भारद्वाज, जिलाधिकारी मऊ अरुण कुमार, जिलाधिकारी बलिया सौम्या अग्रवाल, अपर आयुक्त हंराज, संयुक्त विकास आयुक्त ओपी आर्य, सीडीओ आज़मगढ़, मऊ एवं बलिया क्रमशः आनन्द कुमार शुक्ला, रामसिंह वर्मा एवं प्रवीण कुमार वर्मा, वन संरक्षक डा. बीसी ब्रम्हा, मण्डलीय अर्थ एवं संख्या अधिकारी डा. नीरज श्रीवास्तव, मुख्य अभियन्ता, विद्युत, अपर निदेशक, स्वास्थ्य, अपर निदेशक, पशुपालन सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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